मासूम की नन्हीं उंगलियां माटी को बना रही है भगवान

मासूम की नन्हीं उंगलियां माटी को बना रही है भगवान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-29 16:31 GMT
मासूम की नन्हीं उंगलियां माटी को बना रही है भगवान

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। छापाखाना क्षेत्र स्थित रूद्र मंदिर के समीप रहने वाले 11 साल के कृष्णा ने मूर्ति बनाने में महारत हासिल की हैै। उसने अपने हाथों से 33 प्रकार की मूषक प्रतिमाओं को स्वयं बनाया और उसको रंगों से भी सजाया है। आठ साल की उम्र से ही मूर्ति बनाने में रूचि रखने वाले कृष्णा को मूषक प्रतिमा निर्माण में महारत हासिल हो गई है। उसकी सभी कृतियों की ऊंचाई 6 से 10 इंच तक है, जो एक-दूसरे से बिलकुल अलग और मनोहर है। और ऐसा लगता है कि मासूम की नन्हीं उंगलियां माटी को बना रही है भगवान।  

रूद्र मंदिर के पास रहने वाले मूर्तिकार यशवंत बेनी मालवीय का पुत्र कृष्णा, विद्या निकेतन स्कूल में 6th क्लास का स्टूडेंट है। कृष्णा गर्मियों में अपने हुनर का अभ्यास करता है। उस दौरान उसके द्वारा बनाई गई प्रतिमाएं घर में सुरक्षित रख देते हैं। गणेश उत्सव की तैयारी में कृष्णा के पिता जब प्रतिमाओं को आकार देते तो उसकी दो बड़ी बहनें डोली और जया, उन्हें रंगों से सजाती हैं। इस दौरान कृष्णा अपनी छोटी बहन कौशल्या के साथ उनके साथ जुट जाती है। कृष्णा की बनाई प्रतिमाएं 30 रुपए से 200 रुपए तक कीमत में बिकती है। गत दिवस कृष्णा ने अपने स्कूल में भी भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। जिस पर उसे पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया। 

पूत के पांव पलने में दिखते हैं

कृष्णा बाल अवस्था में ही प्रतिमा निर्माण की कला में निपुण हो गया है। वह न सिर्फ अपनी प्रतिमाओं को स्वयं आकार देता है, बल्कि उसे रंगों से स्वयं ही सजाता है। भगवान गणेश की विभिन्न स्वरूपों वाली प्रतिमा की भांति कृष्णा भी मूषकराज की उसी तर्ज पर सुंदर प्रतिमाएं तैयार करता है। कृष्णा की माता सुमित्रा कहती हैं कि कृष्णा की कला को प्रोत्साहन और प्रशिक्षण की अधिक आवश्यकता है। प्रशासन अथवा स्कूल शिक्षा विभाग, उसके इस हुनर को तराशने में मदद करता है, तो कृष्णा बहुत अच्छा कलाकार बन सकता है।

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