रोजगार, पेयजल और किसान कर्ज है महाराष्ट्र में मुख्य चुनावी मुद्दा : एडीआर की सर्वे रिपोर्ट  

रोजगार, पेयजल और किसान कर्ज है महाराष्ट्र में मुख्य चुनावी मुद्दा : एडीआर की सर्वे रिपोर्ट  

Tejinder Singh
Update: 2019-04-03 16:32 GMT
रोजगार, पेयजल और किसान कर्ज है महाराष्ट्र में मुख्य चुनावी मुद्दा : एडीआर की सर्वे रिपोर्ट  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव में रोजगार राज्य के मतदाताओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा। इसके अलावा पीने के पानी और कर्ज की उपलब्धता भी मतदाताओं को प्रभावित करेगी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस् (एडीआर) के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा क्षेत्रों में किए गए सर्वे के दौरान राज्य के मतदाताओं को 31 में से प्रमुख 10 मुद्दों का चुनाव करना था। पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच किए गए इस सर्वे के मुताबिक राज्य के 42.10 फीसदी लोगों ने रोजगार के मौकों को सबसे बड़ा मुद्दा माना। इसके अलावा 37.53 फीसदी पेयजल और 29 फीसदी कृषि कर्ज को बड़ा मुद्दा मानते हैं। रोजगार निर्माण के क्षेत्र में काम के लिए मतदाताओं ने मौजूदा सरकार को 5 में से औसत 2.48, पीने के पानी के लिए 2.52 और कृषि कर्ज की उपलब्धता के लिए 2.35 अंक दिए। ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं के लिए कृषि कर्ज की उपलब्धता सबसे बड़ा मुद्दा है। 51 फीसदी लोगों ने इसे प्रमुखता दी। इसके अलावा कृषि के लिए पानी की उपलब्धता 49 और कृषि उत्पादों के लिए ज्यादा मूल्य 46 फीसदी लोगों के लिए बड़ा मुद्दा रहा। इन मुद्दों पर ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं ने मौजूदा सरकार के कामकाज को ज्यादा संतोषजनक नहीं माना। पांच अंकों में से मतदाताओं ने कृषि कर्ज की उपलब्धता के लिए औसत 2.35, कृषि के लिए पानी पर 2.29 और कृषि उपज को उचित मूल्य के लिए 2.17 अंक दिए। इसके अलावा बीज और खाद के लिए सहूलियत के मुद्दे पर किसानों ने सरकार को पांच में से 2.27 ही अंक दिए।

शहरों में ट्रैफिक समस्या और अच्छी सड़के भी मुद्दा 

शहरी इलाकों के मतदाताओं के लिए रोजगार के मौके (48%), पीने का पानी (43%) और ट्रैफिक की समस्या (35%) सबसे बड़े मुद्दे हैं। शहरी मतदाताओं ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को पांच में से 2.27 अंक, पीने की पानी के मुद्दे पर 2.32 और ट्रैफिक की समस्या के मुद्दे पर 2.10 अंक दिए हैं। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण और अच्छे रास्तों के मुद्दे पर भी 2.17 और 2.32 अंकों के साथ लोगों ने ज्यादा अच्छा नहीं माना। इस सर्वे में राज्य के करीब 24 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। 

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