कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे -वडेट्‌टीवार 

कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे -वडेट्‌टीवार 

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-05 07:38 GMT
कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे -वडेट्‌टीवार 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अशोक चव्हाण के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद अनेक नामों को लेकर चर्चा चल रही है। अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को लेकर पूछे गए सवाल पर विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मैं हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार हूं। अगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलती है, तो एक महीने में पार्टी की गुटबाजी भी खत्म करके दिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि गुटबाजी खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। पार्टी को इस स्थिति से उबारने के लिए गुटबाजी खत्म करना प्राथमिकता होगी। सत्ता में आएं या न आएं, लेकिन अनुशासन और नीतियों पर चलना होगा। गुरुवार को प्रतिपक्ष नेता बनने के बाद पहली बार नागपुर पहुंचे विजय वडेट्टीवार ने दैनिक भास्कर कार्यालय में सदिच्छा भेंट दी। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे उपस्थित थे। 

25 जुलाई के बाद चर्चा की जाएगी
संपादकीय सहयोगियों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए श्री वडेट्टीवार ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस से गठबंधन तय है। सभी इसके लिए सकारात्मक हैं।  25 जुलाई के बाद सीट शेयरिंग पर चर्चा शुरू की जाएगी। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बना ली जाएगी। फिलहाल आगामी चुनाव को लेकर हमने तैयारी शुरू कर दी है। हर विधानसभा से 6-7 इच्छुकों ने दावा किया है। 

राणे को देंगे कारण बताओ नोटिस 
सांसद नारायण राणे के विधायक पुत्र नितेश राणे द्वारा एक अधिकारी से बदसलूकी के मामले में प्रतिपक्ष नेता वडेट्टीवार ने कहा कि इस घटना का मैं समर्थन नहीं करूंगा। हालांकि नितेश राणे कांग्रेस में सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं। वे न कांग्रेस की बैठकों में आते हैं और न कभी कार्यालय में। वे समानांतर अपना संगठन चला रहे हैं। फिर भी कांग्रेस की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने गलती की है तो  मुख्यमंत्री को भी कार्रवाई करनी चाहिए। 

मतगणना में कई जगह गड़बड़ी सामने आई 
वडेट्टीवार ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह स्थिति होगी। नांदेड़ जिले की शंकरराव चव्हाण से लेकर अशोकराव चव्हाण पहचान हैं, लेकिन वहां भी हारे। कोई सोच नहीं सकता था। चुनाव के दौरान सभी को लग रहा था कि 18 से 20 सीटें आएंगी, लेकिन जिस तरह के नतीजे आए, उससे शक होता है। करीब 278 सीटों पर मतगणना के आंकड़े में फर्क आ रहा है। मतदान से ज्यादा आंकड़े आए। निर्वाचन अधिकारी लवासा ने भी कहा है कि अगर चुनाव आचारसंहिता के बारे में बोलूंगा तो अनेक की जान पर बन आएगी। ये निष्पक्षता पर संदेह पैदा करते हैं। प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि वे सिर्फ आरोप के लिए आरोप नहीं लगा रहे हैं। 5 साल में भाजपा-सेना युती सरकार ने जितने भ्रष्टाचार किए हैं, उतने किसी के कार्यकाल में नहीं हुए। मुंबई में एसआरए की जगह निजी कंपनियों को दे दी गई। मुंबई में ही ढाई हजार आरक्षण बदले गए। इसकी तुलना 50 साल से भी नहीं हो सकती है। 
 

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