मराठा आरक्षण पर रोक से रुकी है प्रवेश प्रक्रिया, स्टूडेंट्स को सता रही फ्यूचर की चिन्ता

मराठा आरक्षण पर रोक से रुकी है प्रवेश प्रक्रिया, स्टूडेंट्स को सता रही फ्यूचर की चिन्ता

Tejinder Singh
Update: 2020-10-21 13:02 GMT
मराठा आरक्षण पर रोक से रुकी है प्रवेश प्रक्रिया, स्टूडेंट्स को सता रही फ्यूचर की चिन्ता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य भर में जूनियर कॉलेज की एडमिशन को लेकर राज्य सरकार को रणनीति बनाने का निर्देश दिया जाए। इस तरह की मांग को लेकर पेशे से वकील विशाल सक्सेना ने बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण पर रोक को लेकर जारी किए गए अंतरिम आदेश के चलते कक्षा 11 वीं (जूनियर कॉलेज) की प्रवेश प्रक्रिया रोक दी गई है। इसके चलते अकेले मुंबई महानगर क्षेत्र में दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। वे अपने भविष्य को लेकर आश्वास्त नहीं हो पा रहे हैं। 

याचिका के मुताबिक आमतौर पर जूनियर कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया कक्षा 10 वीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद शुरु हो जाती थी। लेकिन इस बार कोरोना के प्रकोप के चलते प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरु हुई। इसके तहत एडमिशन के लिए पहली लिस्ट तो जारी की गई। लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नौ सितंबर 2020 को अपने एक अंतरिम आदेश के जरिए मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी। तब से जूनियर कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया रुकी हुई है। जिसके चलते बच्चे अपने एडमिशन को लेकर चिंतित हैं कि आखिर कब तक जूनियर कालेज की प्रवेश प्रक्रिया अटकी रहेगी। इसलिए राज्य सरकार को एडमिशन के विषय को लेकर शीघ्रता से ठोस रणनीति बनाने का निर्देश दिया जाए। जिससे प्रवेश प्रक्रिया फिर से शुरु हो सके। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उनकी बेटी भी कक्षा 11 वीं के एडमिशन को लेकर चिंतित है।  

 
 
 

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