इथेनॉल से ग्रामीण बेरोजगारी होगी दूर, बनेगा बेहतरीन विकल्प : गडकरी

इथेनॉल से ग्रामीण बेरोजगारी होगी दूर, बनेगा बेहतरीन विकल्प : गडकरी

Tejinder Singh
Update: 2017-11-24 17:51 GMT
इथेनॉल से ग्रामीण बेरोजगारी होगी दूर, बनेगा बेहतरीन विकल्प : गडकरी

डिजिटल डेस्क, पुणे। केन्द्रीय परिवहन एवं जलसंपदा मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को भोसरी में कहा- किसानों की समस्याएं, प्रदूषण तथा ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी का इथेनॉल एक बेहतरीन विकल्प है। आने वाले समय में सरकार इथेनॉल निर्मिति पर जोर देगी। भोसरी स्थित CIRT (सेंट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रान्सपोर्ट) द्वारा ‘इथेनॉल एक ईंधन’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में गडकरी ने कहा- ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी की समस्या, किसानों की समस्या, प्रदूषण इन सभी पर इथेनॉल का उपयोग एक बेहतरीन विकल्प है।

सरकार इथेनॉल निर्मिति पर देगी जोर

मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आनेवाले समय में सरकार इथेनॉल निर्मिति पर जोर देगी। इससे हजारों कारखाने गांवों में आएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगाें को रोजगार मिलेगा। बचत  के साथ पर्यावरण में सुधार आएगा। समारोह में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, पुणे के अभिभावक मंत्री गिरीष बापट, महापौर नितिन कालजे, सांसद अनिल शिरोले, शिवाजीराव आढलराव पाटील, अमर साबले, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अण्णासाहेब एनके पाटील, पूर्व सहकार मंत्री हर्षवर्धन पाटिल, राजेश टोपे उपस्थित थे।

इस वर्ष गन्ने का अच्छा उत्पादन, बांबू की खेती पर भी दिया जोर

गडकरी ने कहा कि इस साल गन्ने का अच्छा उत्पादन हुआ है। इसलिए इथेनॉल की अच्छा निर्मित हो सकता है। भारत सरकार ने बांबू को घास के तौर पर मंजूरी दी है। हजारों हेक्टेयर जमीन पर बांबू की खेती कर उसके जरिए इथेनॉल बायो सेकंड जनरेशन तैयार किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन बढ़ा तो शक्कर कारखाने सालभर शुरू रहेंगे। इसलिए गन्ने की खेती के साथ बांबू की खेती पर जोर दिया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि युवाओं को रोजगार से साधन उपलब्ध होंगे। ये आमदनी का अच्छा जरिया साबित हो सकता है।

इथेनॉल का उपयोग

उद्योग में  इथेनॉल का उपयोग वार्निश, पॉलिश, दवाओं के घोल और निष्कर्ष, ईथर, क्लोरोफ़ार्म, कृत्रिम रंग, साबुन, इत्र के अलावा रासायनिक घोल बनाने में होता है। मरे हुए जीवों को संरक्षित रखने में भी इसका उपयोग होता है। 

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