130 पाठयक्रमों के एग्जाम 9 अप्रैल से, दीक्षांत समारोह के कारण हुआ था स्थगन

130 पाठयक्रमों के एग्जाम 9 अप्रैल से, दीक्षांत समारोह के कारण हुआ था स्थगन

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-02 09:28 GMT
130 पाठयक्रमों के एग्जाम 9 अप्रैल से, दीक्षांत समारोह के कारण हुआ था स्थगन

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। यूनिवर्सिटी द्वारा 130 पाठ्यक्रमों के एग्जाम 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं। बता दें कि  24 मार्च को हुए अपने दीक्षांत समारोह के चलते 130 पाठ्यक्रमों की  एग्जाम स्थगित कर दिए थे। अब 9 अप्रैल से इन परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। यह एग्जाम दो चरणों में ली जाएगी। 9 अप्रैल से पहला चरण और 15 अप्रैल से दूसरा चरण शुरू होगा। पूर्व में यह एग्जाम 8 अप्रैल से होने वाली थी। 130 पाठ्यक्रमों के एग्जाम स्थगित कर 8 अप्रैल को रखी थी, मगर 8 अप्रैल को जेईई मेन्स और अन्य स्पर्धा परीक्षाएं हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने 8 अप्रैल की परीक्षाओं को फिर एक बार टालने का निर्णय लिया है। नया टाइमटेबल यूनिवर्सिटी जल्द ही जारी करेगा। यूनिवर्सिटी ने 24 मार्च को अपना दीक्षांत समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया था। ऐसे में पहले यूनिवर्सिटी ने 24 मार्च को जो एग्जाम रखे थे , उन्हें आगे टाला गया था। यूनिवर्सिटी की अधिसूचना के मुताबिक एम.ए तीसरे सेमिस्टर (सीबीएस), एम.कॉम एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमिस्टर, बीए, बी.कॉम, एमएससी बीएससी, एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों के एग्जाम 24 मार्च की जगह 8 अप्रैल को रखी गई थी, जो अब नए टाइमटेबल के अनुसार होगी। बता दें कि यूनिवर्सिटी ने अपनी परीक्षाओं का आयोजन चार चरणों में किया है। 

बीबीए का पेपर 4 अप्रैल को 
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने 20 मार्च हुए बीबीए तृतीय वर्ष का आंत्र-प्रिन्योरशिप डेवलपमंेट का पेपर रद्द कर दिया है। विवि 4 अप्रैल को इस विषय की पुनर्परीक्षा लेगा। बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। विवि द्वारा इस प्रकरण मंे की गई अांतरिक जांच की रिपोर्ट के अनुसार 20 विद्यार्थियों को गलत प्रश्न-पत्र मिला था। इसके बाद विद्यार्थियों से उनका पक्ष जाना गया। करीब 70 विद्यार्थियों ने पुनर्परीक्षा में शामिल होने की सहमति जताई है। दरअसल बीबीए-तृतीय वर्ष के नियमित विद्यार्थियों का आंत्र-प्रिन्योरशिप डेवलपमंेट (न्यू सिलेबस) का पेपर था। मगर जब परीक्षा केंद्र पर प्रश्न-पत्र बंटे तो उस पर आंत्र-प्रिन्योरशिप डेवलपमंेट (ओल्ड सिलेबस) लिखा हुआ था। बता दें कि ओल्ड सिलेबस का पेपर पिछली परीक्षा मंे असफल विद्यार्थियों के लिए लिया जाता है। कई परीक्षा केंद्रों पर तो विद्यार्थियों को पुराने पाठ्यक्रम केे ही प्रश्न-पत्र बांटे गए। विवि ने इसकी आंतरिक जांच शुरू की थी।

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