एस रहाटे नाम से राऊत और खडसणे नाम से खडसे का फोन किया गया था टैप

फोन टैपिंग मामले में खुलासा एस रहाटे नाम से राऊत और खडसणे नाम से खडसे का फोन किया गया था टैप

Tejinder Singh
Update: 2022-04-22 13:03 GMT
एस रहाटे नाम से राऊत और खडसणे नाम से खडसे का फोन किया गया था टैप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फोन टैपिंग मामले में खुलासा हुआ है कि शिवसेना नेता संजय राऊत का फोन टैप करने के लिए एस रहाटे और राकांपा नेता एकनाथ खडसे का फोन टैप करने के लिए खडसणे नाम का इस्तेमाल किया गया था। दोनों नामों को असामाजिक तत्व बताकर दूसरे अपराधियों को नामों की सूची के साथ जोड़े गए थे। राऊत और खडसे के नंबर के सामने फर्जी नाम लिखे हुए थे इसलिए गृहविभाग के अधिकारियों ने बिना किसी संदेह के मंजूरी दे दी। मामले की जांच कर रही कोलाबा पुलिस ने इस मामले में छह गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए हैं। जिन छह लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं उनमें राज्य के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के साथ एक डीवाईएसपी स्तर का अधिकारी शामिल है। यह अधिकारी उस समय राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) में तैनात था और उसे फोन टैप किए जाने की जानकारी थी। बता दें कि आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला के राज्य खुफिया विभाग के प्रमुख रहते फोन टैप किए गए थे। छानबीन में खुलासा हुआ है कि खडसे का फोन पहले 7 दिन और फिर 60 दिनों तक टैप किया गया और संजय राऊत का फोन 60 दिनों तक टैप किया गया। सूत्रों के मुताबिक खडसे उस समय भाजपा में थे और बागी तेवर दिखा रहे थे इसलिए उनके फोन टैप कराए गए जबकि राऊत महाविकास आघाडी सरकार बनाने में सक्रिय थे इसलिए उनका फोन टैप किया गया। इस मामले में पुलिस ने शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और दो बार उनका बयान दर्ज किया जा चुका है। मामले में राऊत और खडसे का बयान भी गवाह के तौर पर दर्ज किया जा चुका है। शुक्ला फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है और हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के तौर पर तैनात हैं। 

 

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