‘जीवन में मुश्किल का सामना आनंद से करें’, आपत्ति-विपत्ति में धैर्य रखना जरूरी

‘जीवन में मुश्किल का सामना आनंद से करें’, आपत्ति-विपत्ति में धैर्य रखना जरूरी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-06 10:20 GMT
‘जीवन में मुश्किल का सामना आनंद से करें’, आपत्ति-विपत्ति में धैर्य रखना जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय इतवारी में विराजित गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय राजशेखर सूरी एवं आचार्य श्रीमद् राजहंस सूरीश्वर ने कहा कि हमें सम्यक ज्ञान मिला है कि नहीं इसे जानने के लिए 13 गुण गुरुदेव ने बताएं हैं। धर्म राग में दृढ़ता या धर्म में मजबूती का राग, नींदित व्यापार का त्याग, जिस व्यापार में निंदा या दूसरे का नुकसान हो ऐसा व्यापार नहीं करना चाहिए। आपत्ति-विपत्ति में धैर्य रखना। हर मुश्किलों का आनंद से सामना करना है। आचार्यश्री ने कहा कि मोतीसा सेठ ने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन धर्म को नहीं छोड़ा। अन्य धर्मी से प्रभावित नहीं होना, यह सम्यकत्व दूषित करता है। इसलिए परमात्मा का बताए हुए धर्म में रहना चाहिए।

हमें धर्म ध्यान में आगे बढ़ने के लिए आत्र ध्यान और रौद्र ध्यान को छोड़ना है। एक जगह टिकना हमारा स्वभाव नहीं है सतत परिभ्रमण का हमारा स्वभाव है, चंचलता को रोकने के लिए हमें धर्म ध्यान में जाने की भावना रखना है। इसे प्राप्त करना, स्वीकार करना और आत्मा का कल्याण करना है। इसके लिए गुरुदेव ने हाकेम राजा और संत का दृष्टांत दिया, जो मोती प्राप्त करना चाहता था। दूसरा दृष्टांत गुरुदेव ने विनय रत्न साधु और उदयन राजा का दिया। पूर्व कृत अभ्यास वह भावना से ध्यान की योग्यता आती है।  ज्ञान भावना, दर्शन भावना और चारित्र भावना से शुभ ध्यान के अंदर आत्मा को स्थिर  करना है। जैन दर्शन के अनुसार आत्मा के अलावा कुछ भी सोचना नहीं है। ज्ञान से विवेक, विनय, कर्तव्य, अकर्तव्य की समझ आती है। ज्ञानसाधना के लिए पुरुषार्थ जरूरी है।  दुर्बलिका पुष्यमित्र का दृष्टांत गुरुदेव ने दिया। घी को स्वाध्याय से कैसे पचाया यह बताया l हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कितने खुश हैं, लेकिन यह सोचना चाहिए कि हमारी वजह से दूसरे लोग कितने खुश है।

खाटू नरेश श्याम बाबा का जन्मोत्सव 8 को
थाड़ेश्वरी राम मंदिर, तिलक पुतला, महल में खाटू नरेश श्याम बाबा का जन्मोत्सव 8 नवंबर को धूमधाम से महामंडलेश्वर माधवदास महाराज के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा। सुबह 8 बजे श्यामबाबा का पंचामृत अभिषेक विविध प्रकार की पवित्र सामग्रियों से किया जाएगा। बाबा का मलियादि चंदन का अलौकिक श्रृंगार होगा। शाम 6 बजे से बाबा के भजनों का आयोजन किया जाएगा। यशदास वैष्णव ने अधिकाधिक संख्या में लाभ लेने का निवेदन किया है।
 

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