आईपीएस अधिकारी गुप्ता को क्लीन चिट पर उठाया फडणवीस ने सवाल - महाराष्ट्र में आघाडी या वाधवान की सरकार

आईपीएस अधिकारी गुप्ता को क्लीन चिट पर उठाया फडणवीस ने सवाल - महाराष्ट्र में आघाडी या वाधवान की सरकार

Tejinder Singh
Update: 2020-05-18 14:41 GMT
आईपीएस अधिकारी गुप्ता को क्लीन चिट पर उठाया फडणवीस ने सवाल - महाराष्ट्र में आघाडी या वाधवान की सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को दोबारा बहाल करने पर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोमवार को फडणवीस ने सत्ताधारियों से पूछा कि प्रदेश में महाविकास आघाडी की सरकार है या फिर वाधवान की सरकार है। फडणवीस ने लॉकडाउन के दौरान बैंक घोटालों के आरोपी वाधवान परिवार को गुप्ता की ओर से पास देने के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के समय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आरोपित वाधवान बंधुओं को सैर के लिए पास देने वाले गुप्ता को राज्य सरकार ने दोबारा उसी पद पर नियुक्ति किया है। 

सरकार ने गुप्ता को सौंपी नई जिम्मेदारी 

इस बीच प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को राज्य सरकार ने एक नई जिम्मेदारी सौंपी है।  उन्हें प्रवासी मजदूरों, छात्रों और तीर्थयात्रियों को उनके गृहनगर भेजने के लिए बनाई गई समिति का प्रमुख बनाया गया है। इस समिति में पुलिस अधिकारी विनय चौबे, सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव राहुल कुलकर्णी को भी शामिल किया है।    

किसी और के इशारे पर गुप्ता ने दिया था पत्र

फडणवीस ने कहा कि मैंने यह मामला सामने आने के बाद ही कहा था कि गुप्ता अपने बल पर पास देने का काम नहीं कर सकते। इनके कोई न कोई आका हैं, जिनके इशारों पर पास दिया गया। अब जिस तेज गति के साथ गुप्ता की जांच को खत्म करके उन्हें क्लीन चिट देकर दोबारा उसी पद पर नियुक्ति किया गया है, उससे स्पष्ट होता है कि गुप्ता ने वाधवान परिवार को पत्र किसी न किसी के इशारे पर दिया था। इसलिए हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। सीबीआई इस बात की जांच करे कि किसके कहने पर गुप्ता ने पत्र दिया था।

फडणवीस ने सवाल किया कि राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार है या वाधवान सरकार? इसका जवाब राज्य सरकार को देना चाहिए। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान गुप्ता ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवान और धीरज वाधवान समेत परिवार के सदस्यों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति के लिए ट्रांजिट पास दिया था। जिस पर गुप्ता ने ही हस्ताक्षर किया था।

कोरोना संकट में महाबलेश्वर गांव वालों ने वाधवान परिवार के वहां पहुंचने पर विरोध जताया था। जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ था। इसके बाद सरकार ने गुप्ता को जबरन छुट्टी पर भेजकर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन दो दिन पहले उन्हें फिर उसी पद पर बहाल कर दिया गया। 

Tags:    

Similar News