फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी गैर कानूनी : सुप्रीम कोर्ट

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी गैर कानूनी : सुप्रीम कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-06 06:25 GMT
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी गैर कानूनी : सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को व्यवस्था दी कि आरक्षित वर्ग के तहत सरकारी नौकरियों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करना किसी भी सूरत में कानूनी रुप से वैध नही है।

चीफ जस्टिस जेएस खेखर और जस्टिस डीवाय चंद्रचूड ने बाॅम्बे हाईकोर्ट की उस व्यवस्था को अमान्य कर दिया जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से सरकारी नौकरी कर रहा है और उसका जाति प्रमाण पत्र बाद में जाली पाया जाता है तो उसे सेवा में रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला महाराष्ट्र सरकार की याचिका के साथ कुछ अन्य याचिकाओं के संदर्भ में आया है। जिसमें बाॅम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि बाॅम्बे हाईकोर्ट द्वारा मामले में दी गई व्यवस्था संदर्भित फैसले में लागू नही होगी, पर गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के संदर्भ में आगे से लागू होगी।  

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