कर्ज और फसल बर्बादी से परेशान किसान ने की आत्महत्या

कर्ज और फसल बर्बादी से परेशान किसान ने की आत्महत्या

Tejinder Singh
Update: 2017-12-11 16:34 GMT
कर्ज और फसल बर्बादी से परेशान किसान ने की आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक तरफ सरकारी अमला 11 दिसंबर से चलने वाली शीतसत्र के लिए उपराजधानी पहुंच चुका था, सरकार आने वाली ही थी कि इसी दौरान कोंढाली से करीब 18 किलोमीटर दूर मूर्ति गांव के एक किसान ने सोयाबीन व मूंगफली की फसल बर्बाद होने तथा साहूकार से लिए तीन लाख कर्ज से परेशान होकर 9 दिसंबर को आत्महत्या का प्रयास किया। उपचार के दौरान सोमवार 11 दिसंबर को आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। 

सोयाबीन की फसल पूरी तरह हुई बर्बाद
मूर्ति निवासी गजानन खुशालराव गाड़रे (40) की चिखलागढ़ शिवार के आनंदगढ़ शिवार में चार एकड़ खेत है। उसमें सोयाबीन तथा मूंगफली की बुआई की थी। मूंगफली बुआई के लिए करीब बीस हजार की लागत लगी, लेकिन सिर्फ साढ़े चार हजार 846 रुपए की ही मूंगफली हुई, वहीं सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। गजानन ने निजी साहूकार से तकरीबन 3 लाख का कर्ज से रखा था, जो बढ़ता ही जा रहा था। कर्ज व फसल बर्बादी से गजानन बुरी तरह परेशान था। कक्षा 11वीं में अध्ययनरत बेटा व कक्षा 10वीं में पढ़ रही बेटी के लिए पढ़ाई का खर्च व खस्ताहाल हो चुके मकान की मरम्मत जैसी कई जिम्मेदारी आर्थिक बदहाली के चलते गजानन की परेशानी बढ़ा रहे थे। परिवार का पालन कैसे करे, यह समस्या विकराल हो चुकी थी।

खेत में जाने की बात कहकर गजानन घर से निकला
किसान गजानन खेत में जाने की बात कहकर घर से निकला, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लौटा। कुछ देर बाद उसकी बेटी खेत में बंधी गाय को पानी पिलाने गई। वहां उसे गजानन अचेत अवस्था में नजर आया। बेटी ने पिता के बेहोश होने की जानकारी दादी को दी। दादी ने ग्रामीणों को मदद के लिए बुलाया। जानकारी मिलते ही उपसरपंच मोहन मुन्ने गजानन को काटोल के ग्रामीण अस्पताल ले गए। गंभीर हालत को देखते हुए उसे नागपुर के मेडिकल अस्पताल में भेजा गया। उपचार के दौरान दो दिन बाद सोमवार को आखिरकार गजानन ने दम तोड़ दिया। शाम 4 बजे के दौरान उसका अंतिम संस्कार गांव में किया गया। 
 

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