किसान कर्जमाफी के लिए तहसील स्तर पर होगी समीक्षा: पाटील
किसान कर्जमाफी के लिए तहसील स्तर पर होगी समीक्षा: पाटील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसान कर्ज माफी के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से तहसील स्तर पर समीक्षा की जाएगी। अधिक से अधिक किसानों को कर्ज माफी का लाभ देने के लिए ग्रीन लिस्ट में उनके नाम शामिल किए जाएंगे। विधान परिषद में सदन के नेता व प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण आंतरिक सुरक्षा के लिए ज्यादा पुलिस बल उपलब्ध कराने की दृष्टि निश्चित समय से दो दिन पहले गुरुवार को ही विधान परिषद का सत्रावसान कर दिया गया। इस कारण सरकार की तरफ से पेश किए गए अंतरिम बजट पर सदन में चर्चा नहीं सकी। इस पर पाटील ने कहा कि सदन का कामकाज यदि दो दिन चलता तो किसान कर्ज माफी और सूखे के मुद्दे पर चर्चा होती। सरकार ने कर्ज माफी के लिए तहसील स्तर पर समीक्षा का फैसला किया है। पाटील ने कहा कि बैंकों में किसान कर्ज माफी के पैसे पड़े हुए हैं। तहसील स्तर पर समीक्षा करके लाभार्थी किसानों को ग्रीन लिस्ट में शामिल किया जाएगा। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार ने सूखे से निपटने के लिए एक वॉर रूम शुरू किया है। इस वॉर रूम में सूखे से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्ष की तरफ से आने वाले सुझावों पर सरकार अमल करेगी।
सदन में बजट पर चर्चा नहीं
इससे पहले विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि सदन में बजट पर चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन विपक्ष के सदस्य अपने भाषण के मुद्दों को लिखित रूप में सरकार को देंगे। सरकार इस पर लिखित जवाब दे। इस पर सभापति रामराजे नाईक- निंबालकर ने विधान परिषद के सदस्यों के मुद्दों का लिखित जवाब देने का निर्देश सरकार को दिया।
बगैर चर्चा के अंतरिम बजट मंजूर
विधानमंडल के दोनों सदनों में बगैर चर्चा के अंतरिम बजट पारित कर दिया गया। विधान परिषद में महाराष्ट्र (अनुपूरक) विनियोजन विधेयक-2019 और महाराष्ट्र विनियोजन (लेखानुदान) विधेयक-2019 को पारित किया गया। महाराष्ट्र विधानसभा में भी गुरुवार को लेखानुदान को मंजूरी दे दी गई जिसमें अगले वित्तीय वर्ष (इस साल अप्रैल से जुलाई) के चार महीनों का बजटीय प्रावधान भी है। विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल और राकांपा के अजीत पवार और जयंत पाटिल ने कहा कि वे अंतरिम बजटीय प्रावधानों पर अपने भाषणों को सदन के पटल पर रख रहे हैं। विनियोग विधेयक और लेखानुदान को बिना किसी बहस के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) और लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट को भी सदन के पटन पर रखा गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने बुधवार को 2019-20 का एक अंतरिम बजट पेश किया था जिसमें 19,784 करोड़ रूपये के अनुमानित राजस्व घाटे का अनुमान व्यक्त किया गया था।