खननकार्य के लिए हस्तांतरित की किसानों की जमीन,  200 किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा दें : हाईकोर्ट 

खननकार्य के लिए हस्तांतरित की किसानों की जमीन,  200 किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा दें : हाईकोर्ट 

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-21 08:44 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर।  खननकार्य के लिए किसानों से ली गई जमीन के बदले उन्हें केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया बढ़ा हुआ मुआवजा देने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने वेस्टन कोल फील्ड (वेकोलि) को जारी किया है। हर्षल रासेकर सहित करीब 200 किसानों ने जमीन अधिग्रहण के बदले बढ़ी हुई दरों से मुआवजे के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार वेकोलि ने करीब 10 वर्ष पूर्व किसानों से जमीनें ली थीं। उस वक्त किसानों को 25 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा तय किया गया था। इसमें कुछ जमीन उपजाऊ, कुछ बंजर और कुछ फल बगीचों वाली थी।

ऐसे में किसानों ने वेकोलि से जमीन की स्थिति को देखते हुए मुआवजा तय करने की विनती की थी। उस वक्त वेकोलि ने किसानों की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद किसानों ने केंद्र सरकार को आवेदन किया। केंद्र सरकार ने किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने का अध्यादेश जारी किया। इसमें बंजर जमीन के लिए तीन लाख, सिंचाई जमीन के लिए पांच लाख और फलबाग वाली जमीन के लिए 7 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा तय किया गया था। लेकिन इसके बाद भी लंबे समय तक मुआवजा नहीं मिला तो किसानों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। वेकोलि ने याचिका का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में दलील दी कि यह मुद्दा निचली अदालत के अधीन आता है, किसानों को मामले को निचली अदालत में ले जाना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट में सभी पक्षों को सुनने के बाद किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के आदेश वेकोलि को जारी किया। किसानों की ओर से एड. आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।

नागपुर को  सिट्रस इस्टेट बनाने निधि मंजूर
अमरावती और वर्धा जिले को सिट्रस इस्टेट के रूप में विकसित करने संबंधी योजना को लागू करने के लिए साल 2019-20 में 15 करोड़ रुपए देने खर्च करने को प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें से 60 प्रतिशत राशि यानी 9 करोड़ रुपए निधि वितरित करने की स्वीकृति दी गई है। बुधवार को राज्य सरकार के कृषि विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया। सिट्रस इस्टेट योजना को लागू करने की जिम्मेदारी नागपुर के विभागीय कृषि सह निदेशक की होगी। जबकि अमरावती के विभागीय कृषि सह निदेशक को निगरानी अधिकारी के रूप में घोषित किया गया है। विदर्भ के संतरा उत्पादक किसानों का विकास करना योजना का मुख्य लक्ष्य है। संतरा उत्पादक किसानों को फल प्रक्रिया, पैकेजिंग, स्टोरेज, मार्केटिंग, परिवहन और निर्यात को गति देने के संबंध में मार्गदर्शन किया जाएगा। 

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