राहत को तरसे किसान, 10 करोड़ के मुआवजे की डिमांड

राहत को तरसे किसान, 10 करोड़ के मुआवजे की डिमांड

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-08 09:08 GMT
राहत को तरसे किसान, 10 करोड़ के मुआवजे की डिमांड

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। अतिवृष्टि से प्रभावित हुई फसलों की क्षति के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। प्रशासन की सर्र्वे रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को अतिवृष्टि की वजह से तकरीबन 10 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों को लेकर राजनीति खूब हो रही है लेकिन किसानों को जल्द मुआवजा मिलें, इसका प्रयास नहीं हो रहा है। डेढ़ महीने से किसान मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं लेकिन एक किसान के खाते में राशि नहीं आ पाई है।
इस साल हुई बेतहाशा बारिश के चलते किसानों के खेत बर्बाद हो गए। अधिकांश किसानों के खेतों में पानी समाने की वजह से फसल ही नहीं उग पाई। जिन किसानों के खेतों में जैसे-तैसे फसल बनकर तैयार हुई तो फिर से पानी आने लगा। ऐसे में खेतों में रखी किसानों की बची-कुची फसल भी इससे बर्बाद हो गई। निर्देशों के बाद राजस्व अमले ने जमीनी सर्वे करते हुए 9 करोड़ 91 लाख 13 हजार 286 रुपए का मुआवजा तय किया था। जिसकी डिमांड शासन को भेजी गई लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई। वहीं अधिकांश किसान अधिकारियों के पास सर्वे नहीं होने की शिकायत लेकर भी आ रहे हैं।
25 फीसदी से अधिक नुकसान वालों को ही मिलेगा मुआवजा
25 फीसदी से ज्यादा जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई है। उसे ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा। शासन की नई गॉइडलाइन के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा। फसल नुकसानी का ग्लोबल बजट के तहत ही भुगतान की प्रक्रिया होगी।
12 हजार से ज्यादा किसान हुए प्रभावित
अतिवृष्टि से तकरीबन 486 गांवों की फसलें प्रभावित हुई है। इनमें 12 हजार 769 किसानों की फसल पर अतिवृष्टि का असर हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान चौरई, अमरवाड़ा, छिंदवाड़ा और मोहखेड़ विकासखंड के किसानों को क्षति पहुंची है। वहीं उद्यानिकी फसलों को भी बड़ा नुकसान अतिवृष्टि से उठाना पड़ा है।
किसानों को मुआवजे का इंतजार, राजस्व अधिकारियों के काट रहे चक्कर
किसानों को मुआवजे का इंतजार है। डेढ़ महीने पहले ही सर्वे के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गई है लेकिन खातों में पैसा नहीं आ पाने के कारण किसान राजस्व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन वहां भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा। 
 

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