करोड़ों का नुकसान झेलने वाले किसानों को मिली मात्र 14 लाख की मदद

करोड़ों का नुकसान झेलने वाले किसानों को मिली मात्र 14 लाख की मदद

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-13 07:23 GMT
करोड़ों का नुकसान झेलने वाले किसानों को मिली मात्र 14 लाख की मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अक्टूबर, नवंबर महीने में हुई बे-मौसम बारिश से सोयाबीन, कपास, संतरा, मोसंबी आदि फसल बर्बाद होने से किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद भी की गई, लेकिन बीमा कंपनियों से किसानों को केवल 14 लाख रुपए नुकसान भरपाई मंजूर किए जाने की जानकारी सामने आई है। किसानों के साथ बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाकर जिला परिषद सदस्य सलील देशमुख ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इस विषय पर तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है।

इतने हेक्टेयर में हुआ नुकसान
बे-मौसम बारिश से हुए नुकसान की सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुअा है। सोयाबीन 7048.25 हेक्टेयर, कपास 34,848.06 हेक्टेयर, संतरा 6542.24 हेक्टेयर और  मोसंबी का क्षेत्रफल 1151.11 हेक्टेयर है। इसमें से 33 प्रतिशत फसलों को नुकसान पहुंचने की सर्वेक्षण रिपोर्ट सरकार को दी गई। उसके बाद सरकार ने किसानों काे आर्थिक मदद दी। फसल बीमा कंपनी किसानों को नुकसान भरपाई देने के लिए टाल-मटोल कर रही है।  जिन किसानों ने नुकसान की सूचना दी, उनका सर्वेक्षण कर भरपाई दिए जाने का बीमा कंपनी से जवाब दिया जा रहा है।

1100 किसानों ने दी सूचना 
जिला परिषद सदस्य देशमुख ने बताया कि जिले के 1100 से अधिक किसानों ने फसल के नुकसान की सूचना बीमा कंपनी को दी है। इसमें से 900 से अधिक किसानों की फसल के पंचनामे भी किए जा चुके हैं। नुकसान भरपाई सिर्फ 14 लाख रुपए मंजूर की गई है। बीमा के नाम पर किसानों से करोड़ों रुपए वसूली कर नुकसान भरपाई देने के लिए टाल-मटोल किया जा रहा है। अमरावती और अकोला जिले में 33 प्रतिशत नुकसान हुए किसानों को नुकसान भरपाई दी गई। नागपुर जिले में बीमा कंपनी ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। किसानों को नुकसान भरपाई नहीं दी जाती, तो फिर बीमा की रकम किसानों से क्यों वसूल की गई? यह सवाल देशमुख ने उपस्थित किया है। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इस विषय में बीमा कंपनी के साथ बैठक बुलाकर किसानों के हित में योग्य निर्णय लेने की मांग की गई है। 

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