उम्र कैद की सजा काट रहे सिमी कार्यकर्ता के पिता ने की हाईकोर्ट को गुमराह करने की कोशिश

उम्र कैद की सजा काट रहे सिमी कार्यकर्ता के पिता ने की हाईकोर्ट को गुमराह करने की कोशिश

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-10 15:44 GMT
उम्र कैद की सजा काट रहे सिमी कार्यकर्ता के पिता ने की हाईकोर्ट को गुमराह करने की कोशिश


डिजिटल डेस्क जबलपुर। बैंक डकैती के आरोप में उम्र कैद की सजा पाए सिमी के एक कार्यकर्ता मोहम्मद साजिद उर्फ शेरू के पिता ने हाईकोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है। अब्दुल सत्तार ने अपनी बेटी के निकाह का हवाला देकर अपने बेटे शेरू को अंतरिम जमानत देने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी, जबकि वह निकाह एक साल पहले ही हो गया था। जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस अंजुली पॉलो की
युगलपीठ ने आरोपी के पिता अब्दुल सत्तार के रवैये को आड़े हाथों लेते हुए उसके खिलाफ अवमानना में शोकॉज नोटिस जारी किया है। मामले पर अगली सुनवाई
10 फरवरी को होगी। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर 2014 की शाम 5:15 बजे मंदसौर जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंदौर शाखा पिपलिया मंडी  में आरोपी अबू फैजल एवं अन्य आरोपियों ने मिलकर देसी कट्टा और चाकू की नोक पर बैंक के उप प्रबंधक और कर्मचारी को डरा-धमकाकर उनके साथ मारपीट कर बैंक में डकैती डाली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चालान अदालत में पेश किया गया था। सिमी आतंकी अबू फैजल, मोहम्मद इकरार शेख और मोहम्मद साजिद उर्फ शेरू को भोपाल की जिला सत्र न्यायालय के एडीजे गिरीश दीक्षित ने 21 जून 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के खिलाफ उज्जैन में रहने वाले मोहम्मद साजिद उर्फ शेरू ने वर्ष 2018 में यह अपील हाईकोर्ट में दायर की थी। मामले में शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता सोम मिश्रा ने पैरवी की।
एक साल पहले हुई शादी-
अब्दुल सत्तार ने अपनी बेटी के 15 दिसंबर को होने वाले निकाह का हवाला देकर शेरू को अंतरिम जमानत देने की प्रार्थना की थी। अर्जी के साथ अब्दुल सत्तार ने शपथपत्र भी दिया था। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कुछ शंका होने पर अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी की बहन का निकाह एक साल पहले ही हो चुका है।
पिता ने मांगी कोर्ट से माफी-
फर्जीवाड़े के उजागर होने पर अब्दुल सत्तार  ने शपथ पत्र देकर हाईकोर्ट से माफी मांगी। युगलपीठ ने उसके रवैये को गंभीरता से लेते हुए कहा- "प्रथम दृष्टया यह साफ है कि अब्दुल सत्तार ने शादी का कार्ड लगाकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है। ऐसे में जरूरी है कि उसको अवमानना में शोकॉज नोटिस जारी किया जाए।Ó

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