कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की फीस माफ, उच्च शिक्षा मंत्री का ऐलान
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की फीस माफ, उच्च शिक्षा मंत्री का ऐलान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के चलते अनाथ हुए बच्चों से विश्वविद्यालय फीस नहीं वसूल करेंगे। उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। सरकार के इस फैसले से अभिभावकों को गंवाने वाले विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। कोरोना की दूसरी लहर में राज्य में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कई बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है।
आय का साधन न होने के चलते अनाथ हुए बच्चों के सामने पढ़ाई जारी रखने में मुश्किल आ सकती है। इसीलिए राज्य के गैर कृषि विश्वविद्यालयों को छोड़कर दूसरे सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले ऐसे अनाथ बच्चों की फीस माफ करने का फैसला लिया गया है। जल्द ही इस फैसले पर आधिकारिक मुहर लग सकती है। इस मुद्दे पर विचार के लिए राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने राज्य के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ सोमवार दोपहर को एक बैठक की। इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि क्या ट्यूशन फीस छोड़कर विश्वविद्यालयों में लगने वाले लाइब्रेरी, कंप्यूटर, लैब, जिम बंद होने के चलते क्या इनकी भी फीस कम की जा सकती है।
फीस होगी कमी
सामंत के मुताबिक इस मुद्दे पर हुई चर्चा सकारात्मक रही है इसलिए फीस में कमी कर विद्यार्थियों को राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हर विश्वविद्यालय की फीस का ढांचा अलग-अलग है। इसलिए कुलपति फीस कम करने को लेकर आपस में चर्चा करेंगे। इसके बाद मंगलवार को फीस कितनी कम की जाएगी इसका फैसला किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में लाइब्रेरी, जिमखाना आदि की फीस अलग-अलग होने के चलते इस पर तुरंत फैसला नहीं हो सका। इससे पहले पुणे स्थित सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय ने कोरोना के चलते अभिभावकों को गंवाने वाले विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ करने का फैसला किया था।