महिला समेत मां उमिया सोसाइटी के 11 संचालकों पर केस दर्ज

महिला समेत मां उमिया सोसाइटी के 11 संचालकों पर केस दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-25 05:18 GMT
महिला समेत मां उमिया सोसाइटी के 11 संचालकों पर केस दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों की जमीन हथियाने वाले आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है। मामला मां उमिया सोसायटी के सभी 11 संचालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें एक महिला भी शामिल है। 

गौरतलब है कि इन्होंने प्रशासन को गुमराह कर जमीन अपनी सोसाइटी के नाम की है। पूर्व में भी आरोपी संचालकों के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। हर बार सिर्फ खानापूर्ति के लिए मामले की पड़ताल कर उसे वहीं खत्म कर दिया गया। इस बार कोर्ट के निर्देश पर मामला दर्ज किया गया है। दर्ज शिकायत के मुताबिक धीरजभाई पटेल  नामक व्यक्ति की मौजा तरोडी बुजुर्ग स्थित प.ह.न.33, खसरा नंबर 72 में करीब 2.73 हेक्टर जमीन है। कुछ सालों पहले मां उमिया सोसायटी के संचालकों ने यह जमीन हथिया ली।

हालांकि इसके पहले इस जमीन का विवाद अदालत में चल रहा था, मगर आरोपी संचालकों ने NIT और जिला प्रशासन को गुमराह कर ट्रांसपोर्ट सिटी तैयार करने की आड़ में जमीन हड़प ली। कई बार पुलिस में शिकायत भी की गई, लेकिन प्रकरण संपत्ति विवाद से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए। शिकायतकर्ता धीरज पटेल ने अंत में अदालत की शरण ली। अदालत के निर्देश पर ही आरोपी संचालकों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया गया है। हालांकि अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

सरकारी जमीन पर ले-आउट
करीब 3-4 महीने पहले मां उमिया सोसायटी के संचालकों का एक और घोटाला उजागर हुआ था। तलोदी नामक ग्राम पंचायत के कार्यक्षेत्र में आने वाली जमीन (पांनदन) पर ले-आउट डाला गया था। इसकी भी थाने में शिकायत दर्ज है। मामला सरकारी जमीन से जुड़ा होने के कारण सुर्खियों में भी बना रहा था। अशोक वाधवानी नामक व्यापारी ने भी मां उमिया औद्योगिक सहकारी सोसायटी संचालकों के खिलाफ शिकायत की थी। उसन भी इन पर जमीन हथियाने का आरोप लगाया है। मां उमिया औद्योगिक सहकारी सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष जीवराजभाई पटेल के खिलाफ वर्ष 2001 से शिकायतों का दौर चल रहा है। 

एक पीड़ित ने बताया कि मां उमिया सोसायटी को मंत्रालय से ट्रांसपोर्ट सिटी विकसित करने की अनुमति मिली हुई है। मंत्रालय के उसी दस्तावेज को दिखाकर किसानों को धमकाया जाता रहा है कि वे अपनी जमीन ट्रांसपोर्ट सिटी के लिए अपनी मर्जी से दें अन्यथा जमीन अधिग्रहित करने का कानूनी अधिकार उनके पास है। इसके लिए प्रशासन को कृषक जमीन को अकृषि दर्शाकर गुमराह करने का भी आरोप है। यही कारण है कि औने-पौने दामों पर करोड़ों की जमीन हथियाई गई है।

कौन-कौन शामिल ?
मां उमिया औद्योगिक सहकारी वसाहत के आरोपी संचालकों में जिवराज पटेल, दमयंती बेन त्रिभुवनदास पटेल, छगन पटेल, हसमुख पटेल, संजय हजपानी, सुरेश पटेल, केशवलाल पटेल,ज्योति तन्हेर, मनीलाल पटेल और रहेमान अंसारी हैं।

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