विद्यार्थियों के विचार जान लें, फिर करें UPSC परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव

विद्यार्थियों के विचार जान लें, फिर करें UPSC परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव

Tejinder Singh
Update: 2018-06-17 08:52 GMT
विद्यार्थियों के विचार जान लें, फिर करें UPSC परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अग्रवाल समिति की सिफारिश को लागू करने के लिए कुछ संस्थाअों से औपचारिक सुझाव मांगे हैं। इस संबंध में स्वंय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष विशाल मुत्तेमवार ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा है कि पहले विद्यार्थियों का मत जानना जरूरी है। विद्यार्थियों का मत जाने बगैर UPSC परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव करना समुचित नहीं होगा। जिस अग्रवाल समिति की सिफारिश पर अमल करने की बात की जा रही है, उस समिति के बारे में तो 63 प्रतिशत विद्यार्था कुछ जानते ही नहीं है। विद्यार्थियों को अपेक्षा है कि लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के बाद कैडर मिलना चाहिए।

नई सिफारिश की जानकारी नहीं
मुत्तेमवार ने बताया कि UPSC परीक्षा की नियमावली के बारे में माय कैरियर क्लब व स्वयं सामाजिक संस्था की ओर से सर्वे किया गया। स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियाें से ऑफलाइन व ऑनलाइन जानकारी ली गई। 2 हजार विद्यार्थियाें का मत दर्ज किया गया। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 55 प्रतिशत विद्यार्थी जानते हैं कि UPSC परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी चल रही है। 63 प्रतिशत विद्यार्थी अग्रवाल समिति की सिफारिश के बारे में नहीं जानते हैं। लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के बाद कैडर देने के संबंध में 49 प्रतिशत विद्यार्थियों को सूचना मिली है। 50 प्रतिशत विद्यार्थियों का मत है कि किसी तरह का नियंत्रण नहीं रखते हुए UPSC का कामकाज स्वतंत्र रखा जाना चाहिए।

68 प्रतिशत चाहते हैं लिखित परीक्षा के बाद कैडर
सर्वे के अनुसार 68.56 प्रतिशत विद्यार्थी चाहते हैं कि लिखित परीक्षा के बाद कैडर मिलना चाहिए। 18.79 प्रतिशत विद्यार्थियों के अनुसार ट्रेनिंग के बाद कैडर मिलना चाहिए। 23.39 प्रतिशत विद्यार्थियों का मत है कि ट्रैनिंग के बाद कैडर मिलने से कौशल प्राप्त विद्यार्थी चुने जाएंगे। 16.09 प्रतिशत विद्यार्थियों ने UPSC परीक्षा में पारदर्शिता पर खतरा होने का संदेह जताया।

लंबी न हो प्रक्रिया
34 प्रतिशत विद्यार्थियों का मत है कि परीक्षा प्रक्रिया दीर्घकालीन नहीं होना चाहिए। 26.43 प्रतिशत विद्यार्थी भाषा की अड़चन मानते हैं। 31.60 प्रतिशत को लगता है कि UPSC का विस्तारित सिलेबस कठिन है। 18.67 विद्यार्थियों को UPSC परीक्षा के स्वरूप की संपूर्ण जानकारी है। प्रशासकीय सेवा में किताबी व व्यावहारिक ज्ञान को 81.60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने महत्व दिया है। UPSC परिणाम के बाद फाउंडेशन कोर्स व कालावधि को लेकर 32.47 विद्यार्थियों ने कहा है कि बदलाव होना चाहिए। 35.34 प्रतिशत विद्यार्थी किसी भी तरह का बदलाव नहीं चाहते हैं।

 

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