यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी की पांच साल की सजा बरकरार

यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी की पांच साल की सजा बरकरार

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-05 12:20 GMT
यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी की पांच साल की सजा बरकरार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने चाकू की नोक पर स्कूल जा रही एक छात्रा का यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी की पांच साल की सजा को बरकरार रखा है। पास्को कोर्ट ने आरोपी आरिफ मालदार को 29 नवंबर 2014 को यह सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ मालदार ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

जस्टिस एएम बदर के सामने अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि पीड़िता उस वक्त दसवीं कक्षा की छात्रा थी। 1 फरवरी 2013 की सुबह स्कूल जाते वक्त आरोपी ने उसका मुंह दबाकर एकांत जगह पर ले गया। इस दौरान पीड़िता बेहोश हो गई। जब वह होश में आयी तो उसने खुद को अर्धनग्न अवस्था में पाया। इस घटना के बाद आरोपी ने पीड़िता को धमकाया कि यदि उसने किसी को इस बारे में बताया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। घर पहुंचने के बाद पीड़िता ने अपनी चाची को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व पास्को कानून के तहत मामला दर्ज किया। 

रत्नागिरी के पास्को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस ने आरोपी को दुष्कर्म के मामले से बरी कर दिया लेकिन उसे पास्को कानून की धारा 10 व 9 के तहत दोषी ठहराते हुए पांच साल के कारावास की सजा सुनवाई। अभियोजन पक्ष ने पास्को कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए आरोपी की अपील को खारिज करने की मांग की। वहीं आरोपी के वकील ने दावा किया कि पीड़िता की गवाही को प्रमाणिक नहीं माना जा सकता है, क्योंकि जब उसका यौन उत्पीड़न हुआ तो वह अचेत अवस्था में थी। इसके अलावा अभियोजन पक्ष ने पीड़िता की जांच करने वाले डाक्टर की गवाही नहीं कराई है। इसलिए मेरे मुवक्किल को मामले से बरी किया जाए।

मामले से जुड़े तथ्यों व मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करने के बाद जस्टिस ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट छात्रा की ओर से दिए गए दावे की पुष्टि करती है। इसलिए आरोपी को दी गई सजा को बरकरार रखा जाता है और अपील को खारिज किया जाता है।

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