कोल्ड ड्रिंक्स के नाम पर बिक रहा था जहर, एक्सपायरी डेट की 192 बोतल जब्त

कोल्ड ड्रिंक्स के नाम पर बिक रहा था जहर, एक्सपायरी डेट की 192 बोतल जब्त

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-16 08:15 GMT
कोल्ड ड्रिंक्स के नाम पर बिक रहा था जहर, एक्सपायरी डेट की 192 बोतल जब्त

डिजिटल डेस्क, सतना। कुछ दिन आराम करने के बाद एक मर्तबा फिर खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। स्टेशन रोड पहुंची टीम ने गुप्ता किराना स्टोर्स में भारी मात्रा में ऐसे कोल्ड ड्रिंक्स की बरामदगी कि जिसमें मैन्युफैक्चरिंग डेट जनवरी 2018 तो अंकित थी मगर साथ में यह भी हिदायत लिखी थी कि उसे 3 माह के भीतर यूज कर लें तो बेहतर होगा। विभाग ने फौरन से पेश्तर आइस चिल नाम के ब्राण्ड वाले कोल्ड ड्रिंक्स के 3 फ्लेवर्स की 192 बोतलों को मौके पर ही नष्ट कराया। किराना दुकान से ही टीम ने जीरा की सैम्पलिंग भी की। शहर के एक उपभोक्ता भण्डार में जाकर SDM श्री सिंह ने राशन वितरण का जायजा लिया। स्टॉक का मिलान और उपभोक्ताओं से पूछताछ के बाद उन्होंने सेल्समैन को क्लीनचिट दे दी।

शुक्रवार को विभाग के अभिहित अधिकारी और SDM ओमनारायण सिंह की अगुवाई में मझगवां की दो डेयरियों और एक किराना स्टोर्स में दबिश दी गई। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीतल सिंह, सीमा सिंह, नायब तहसीलदार, सदर पटवारी समेत मझगवां की स्थानीय पुलिस शामिल रही। छापे के दौरान तीनों प्रतिष्ठानों में खामियां ही खामियां पाई गईं।


डेयरी पर भी छापा
टीम ने सबसे पहले दिन के करीब 12 बजे कृष्णा डेयरी पहुंची। यहां टीम को दुकानदार बगैर कोई अनुमति मक्खन, पनीर, दूध, खोवा, क्रीम एवं सफल मटर की बिक्री करते मिला। दूध में मिलावट की आशंका के चलते उसकी सैम्पलिंग की गई। प्रोपराइटर विष्णुधर द्विवेदी को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कुछ दिनों की मोहलत दी गई है। कृष्णा डेयरी के बाद टीम के सदस्य ओम तत्व सच डेयरी पहुंचे। यहां भी दूध, दही, पनीर तथा सफल मटर बेचते पाया गया। डेयरी संचालक कमलेश जायसवाल ने सफाई दी कि वो चित्रकूट धाम कर्वी से खोवा लाकर यहां बेचने का काम करता है। उसके पास भी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं था। यहां खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पनीर के सैम्पल लिए।

इनका कहना है
डेयरी, किराना दुकानों के अलावा उपभोक्ता भण्डार की जांच भी की गई। यह निरंतर चलने वाली कार्यवाही हैं। कलेक्टर के साफ निर्देश हैं कि मिलावटखोरी किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ओम नारायण सिंह, DO, खाद्य एवं औषधि प्रशासन

 

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