उद्योग और स्वयंरोजगार के लिए दिव्यांगों को मिलेगा कर्ज, S/C के लाभार्थियों को 3 साल में लौटानी होगी राशि  

उद्योग और स्वयंरोजगार के लिए दिव्यांगों को मिलेगा कर्ज, S/C के लाभार्थियों को 3 साल में लौटानी होगी राशि  

Tejinder Singh
Update: 2018-12-23 13:25 GMT
उद्योग और स्वयंरोजगार के लिए दिव्यांगों को मिलेगा कर्ज, S/C के लाभार्थियों को 3 साल में लौटानी होगी राशि  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य अपंग वित्त व विकास महामंडल की तरफ से दिव्यांगों को उद्योग और स्वयंरोजगार के लिए अब 50 हजार रुपए का कर्ज मिलेगा। महामंडल की ओर से दिव्यांग लाभार्थी को सीधे ऋण देने की योजना के तहत कर्ज की सीमा को 20 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार ऋण योजना के लाभार्थी दिव्यांगों को 50 हजार रुपए की परियोजना में अपंग वित्त व विकास महामंडल की 95 प्रतिशत यानी 47 हजार 500 रुपए की हिस्सेदारी रहेगी। लाभार्थी को 5 प्रतिशत यानी 2500 परियोजना में लगाने होंगे। उस दिव्यांग को 2 प्रतिशत की दर से कर्ज उपलब्ध कराए जाएंगे। लाभार्थी को 3 साल में कर्ज की राशि वापस करनी होगी।

सरकार के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक स्थायी विकलांगता वाला दिव्यांग कर्ज के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदनकर्ता की आयु 18 से 60 प्रतिशत होनी चाहिए। सरकार के कौशल्य विकास विभाग और सरकारी, अर्धसरकारी संस्थाओं के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण लेने वाले दिव्यांग लड़कों और लड़कियों को स्वंयरोजगार के लिए कर्ज उपलब्ध कराए जाएंगे। दिव्यांग मोबाइल सर्विसिंग, रिपेयरिंग, इलेक्टॉनिक वस्तुओं की रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, मेडिकल स्टोअर, फैब्रिकेशन, वेल्डिंग, हार्डवेयर और ज्यूस सेंटर, खेती से जुड़े पूरक जैसे छोटे और लघु व्यवसाय के लिए कर्ज मिल सकेगा। दिव्यांगों को स्वयं का उद्योग व स्वयंरोजगार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में आर्थिक सहायता महामंडल उपलब्ध कराता है। सरकार ने अब कर्ज योजना का लाभ अधिक से अधिक दिव्यांगों को देने और महामंडल की योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का फैसला किया है। 

महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल के कर्ज वापस करने की अवधि घटाने का फैसला 
वहीं प्रदेश सरकार के महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल की तरफ से अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को दिए जाने वाले 1 लाख रुपए तक के कर्ज को 5 साल के बजाय अब 3 साल में ही लौटना पड़ेगा। सरकार ने सीधे ऋण देने की योजना के तहत 1 लाख रुपए कर्ज देने के बाद कर्ज वापसी की अवधि में संशोधन करने का फैसला किया है। इसके तहत लाभार्थी को 5 के बदले अब 3 साल में ही कर्ज की राशि वापस करनी होगी। सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक महामंडल की तरफ से लाभार्थी को परियोजना के लिए 85 प्रतिशत यानी 85 हजार रुपए का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। 10 प्रतिशत अनुदान के रूप में 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। लाभार्थी को परियोजना के लिए 5 प्रतिशत यानी 5 हजार रुपए खर्च करना होगा। लाभार्थी को 4 प्रतिशत ब्याज की दर से कर्ज मुहैया कराया जाएगा। जिसको 3 लाख में उसको कर्ज की राशि वापस करनी होगी। राज्य के अनुसूचित जाति प्रवर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले समूहों को आर्थिक उन्नति और स्वयंरोजगार के मौके उपलब्ध कराने की दृष्टि से महामंडल की तरफ से कर्ज दिया जाता है।

सरकार का कहना है कि छोटे उद्योगों के लिए लगने वाले पूंजी निवेश, कच्चे माल की दर वृद्धि और महंगाई सूचकांक में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए महात्मा फुले महामंडल के माध्यम से चलाई जाने वाली सीधे ऋण देने की योजना के तहत कर्ज की मर्यादा 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का फैसला 5 अक्टूबर को लिया गया था। 

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