दावानल से धधक रहा गड़चिरोली का जंगल, बहुमूल्य वनसंपदा जलकर खाक
दावानल से धधक रहा गड़चिरोली का जंगल, बहुमूल्य वनसंपदा जलकर खाक
डिजिटल डेस्क, भामरागढ़(गड़चिरोली)। भामरागढ़ वनविभाग के जंगल परिसर में विगत पांच दिनों से दावानल धधक रहा है। वनविभाग की नियोजनशून्यता के कारण इस आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इस भीषण आग में अब तक लाखों रुपयों की वनसंपदा जलकर खाक हो गयी है। इस गंभीर समस्या की ओर वनविभाग के अधिकारी, कर्मचारी अब तक अनभिज्ञ होने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये जा रहे हैं। बता दें कि, भामरागढ़ वनविभाग कार्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित जंगल में पिछले चार दिनों से दावानल धधक रहा है। इसी भामरागढ़ वनविभाग में बहुमूल्य सागौन पेड़ों की संख्या काफी अधिक मात्रा में उपलब्ध है। प्रतिवर्ष वनविभाग द्वारा प्लांटेशन से सागौन के नए पौधों का रोपण किया जाता है।
बेशकीमती वनौषधियां जलकर खाक
वनविभाग के उप वनसंरक्षक कार्यालय से सटे जंगल में ही यह प्लांटेशन किया जाता है, लेकिन विगत चार दिनों से इसी जंगल में दावानल धधक रहा है। भीषण गर्मी के चलते दावानल की आग ने अब उग्र रूप धारण कर लिया है, जिसमें बहुमूल्य सागौन पेड़ों समेत बेशकीमती आयुर्वेदिक वनौषधियां भी जलकर खाक हो रही हैं। जबकि प्रतिदिन कार्यालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों समेत वन कर्मचारी पहुंचते हैं, लेकिन उनके द्वारा इस दावानल पर नियंत्रण पाने कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिसके चलते विभाग की नियोजन शून्यता फिर एक बार उजागर हो रही है। वनसंपदा की सुरक्षा के लिए दावानल पर तत्काल उपाययोजना करने की मांग भामरागढ़ तहसील के नागरिकों द्वारा अब जोर पकड़ने लगी है।
जनजागरण कार्य पर सवालिया निशान
भामरागढ़ वनविभाग के अधिकारियों ने ग्रीष्मकाल के आरंभ होते ही विभाग के तहत समाविष्ट गांवों में पहुंचकर दावानल पर नियंत्रण पाने के लिए पोस्टर्स व बैनर्स के माध्यम से जनजागृति का कार्य आरंभ किया था। इस कार्य पर विभाग ने लाखों रुपयों की निधि खर्च की, लेकिन इन सभी जनजागृति कार्य का कोई लाभ विभाग को नहीं मिल रहा है। भामरागढ़ वनविभाग के तहत समाविष्ट विभिन्न जंगलों में इनदिनों दावानल धधक रहा है। विभाग के अधिकारी गांवों में पहुंचकर जंगलों का कचरा साफ करने की गुजारिश करते पाए गए, लेकिन इन्हीं कर्मचारियों के कार्यालय से सटे जंगल में दावानल धधकने के बाद भी उनके द्वारा इस पर नियंत्रण लाने कोई प्रयास नहीं किए जाने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान अंकित किया जा रहा है।