अब डिटेक्टिव का कार्य करेंगे पुलिस पटेल
अब डिटेक्टिव का कार्य करेंगे पुलिस पटेल
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आमतौर पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थी की भूमिका पुलिस पटेल द्वारा निभायी जाती है। किसी भी मामले की तहकीकात करने से पूर्व पुलिस विभाग गांव के संबंधित पुलिस पटेल से ही संपर्क करते हैं, क्योंकि गांव की सभी हरकतों पर पुलिस पटेल की नजर रहती है। अब यही पुलिस पटेल आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव विभाग के लिए डिटेक्टिव का कार्य करेंगे। दौरान पुलिस पटेल ग्रामीण स्तर पर राजनीतिक पार्टियों की सभी हरकतों पर बारीकी से नजर रखते हुए इसकी सूचना जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को देंगे। इस संदर्भ में जिला चुनाव विभाग ने एक आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू की है। आचार संहिता लागू होते ही जिला चुनाव विभाग भी हरकत में आ गया और एक विशेष बैठक लेकर आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने के आदेश जारी किए। गड़चिरोली-चिमूर लोकसभा क्षेत्र में शहरी व ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रचार कार्य किया जाएगा। कई स्थानों पर आर्थिक लेनदेन की बातों से भी नकारा नहीं जा सकता। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस पटेल कार्य करेंगे। इस दौरान गांव के किराणा दुकानों, पानठेला, कृषि सेवा केंद्र, चाय टपरी व होटलों में राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा चल रही हरकतों पर पुलिस पटेल अपनी निगहबानी रखेंगे तथा इसकी सूचना चुनाव विभाग समेत पुलिस विभाग को देंगे।
ज्ञात हो कि, कम मानधन और नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले में असुरक्षित माहौल के कारण जिले के 6 उपविभाग में पुलिस पटेल के मंजूर 1514 पदों में से कुल 673 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसमें सर्वाधिक नक्सलग्रस्त एटापल्ली उपविभाग का समावेश होकर इस उपविभाग में केवल 51 पुलिस पटेल कार्यरत होने की जानकारी है। यहां पर तकरीबन 247 पद रिक्त हैं। भले ही चुनाव आयोग द्वारा पुलिस पटेल की मदद से विभिन्न कार्यों पर निगहबानी करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इन रिक्त पदों से इस कार्य में पुलिस पटेल सफल होंगे या नहीं इस पर अभी से प्रश्नचिन्ह लगा है।