विस चुनाव के दौरान गड़चिरोली पुलिस पर पड़ेगा सुरक्षा का अतिरिक्त भार
विस चुनाव के दौरान गड़चिरोली पुलिस पर पड़ेगा सुरक्षा का अतिरिक्त भार
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में नक्सलियों से दो हाथ करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी गयी सीआरपीएफ की 10 कंपनियों को कश्मीर भेजने का निर्णय लिया गया है। जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान जिला पुलिस के जवानों पर सुरक्षा का अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं नक्सली
ल्लेखनीय है कि, आगामी कुछ ही दिनों जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होगा। हर चुनाव के दौरान नक्सलियों द्वारा बड़े पैमाने पर विध्वसंक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। मात्र एकसाथ 1 हजार 350 जवानों की संख्या कम हो जाने के कारण सीआरपीएफ के शेष जवानों समेत जिला पुलिस के जवानों पर सुरक्षा का अतिरिक्त जिम्मा संभालना पड़ेगा। वहीं केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। बता दें कि, वर्ष 1980 से गड़चिरोली जिले में नक्सलवाद बदस्तूर जारी है। नक्सलियों का खात्मा करने के लिए जिला पुलिस ने विशेष अभियान दल (सी-60) और क्यूआरटी दल का गठन किया है। इन जवानों को सहयोग देने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने गड़चिरोली जिले में सीआरपीएफ की कुल 5 बटालियन को तैनात किया था। प्रत्येकि बटालियन में 7 कंपनियों का समावेश है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक कंपनी में करीब 135 जवानों की संख्या होती है। इनमें 10 कंपनियों के कुल 1 हजार 350 जवानों को कश्मीर रवाना करने की जानकारी सामने आयी है। कहा जा रहा है कि, धारा 370 हटाने के बाद सुरक्षा का मुद्दा और अमरनाथ यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है।
आवश्यक फोर्स मंगवायी जाएगी
सीआरपीएफ की कंपनियों को अन्य स्थान पर स्थलांतरित करने के बाद सुरक्षा पर किसी तरह का फर्क नहीं पड़ा है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जवानों की पर्याप्त संख्या गड़चिरोली में मौजूद है। अगर जवानों की आवश्यकता पड़ेगी तो अतिरिक्त फोर्स मंगवाया जाएगा। - मानस रंजन पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ, गड़चिरोली