गडकरी ने कहा जैविक खेती से ही होगा कृषि क्षेत्र में बड़ा विकास 

गडकरी ने कहा जैविक खेती से ही होगा कृषि क्षेत्र में बड़ा विकास 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-12 12:36 GMT
गडकरी ने कहा जैविक खेती से ही होगा कृषि क्षेत्र में बड़ा विकास 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने शनिवार को एग्रोविजन प्रदर्शनी में कहा कि कृषि क्षेत्र काफी समय से संकट के दौर से गुजर रहा है। जिसके विकास के लिए सरकार तो प्रयास कर रही है, लेकिन किसानों को भी बदलाव को स्वीकार करना होगा। जैविक खेती से कृषि क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि, किसानों को आधुनिक तकनीकी के उपयोग के साथ जानकारों से मार्गदर्शन लेते रहना चाहिए। गडकरी ने कहा कि, किसानों को पूरक खेती पर भी ध्यान देना होगा। पशु संवर्धन व दुग्ध व्यवसाय लाभकारी है। कीटनाशक के नुक्सान से बचने के लिए जैविक खेती को अपनाना होगा। 

किसानों को दिए खास टिप्स
अन्न आपूर्ति मंत्री बापट ने कहा कि, कृषि की प्रकृति पर निर्भरता कम करने के लिए विभाग में संशोधन आवश्यक है। बुआई, बीज के संबंध में किसानों को अधिक से अधिक जानकारी मिलनी चाहिए। डॉ. मायी ने कहा कि, प्रदर्शनी में कृषि की जानकारी के लिए 30 से अधिक विषयों पर सेमिनार आयोजित है। किसानों को कुक्कुट पालन के अलावा गाय, भैंस और बकरी की अधिक आय देने वाली प्रजाति के संबंध में जानकारी दी जा रही है। बांस उद्योग के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम का संचालन रेणुका देशकर ने किया।

तहसील स्तर पर हो यूरिन बैंक
केंद्रीय भूतल परिवहन व जलसंसाधन मंत्री नितीन गडकरी ने तहसील स्तर पर यूरिन बैंक बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि, मानव मूत्र पर प्रक्रिया करके उसका इस्तेमाल खेतों में किया जा सकता है। रासायनिक खाद की आवश्यकता कम होगी। गडकरी के अनुसार एनपीके खाद से जैविक फास्फोरस और पोटाश तैयार किया जा सकता है, लेकिन जैविक नाइट्रोजन के लिए तकनीकी नहीं है। अब जैविक मानव मूत्र से जैविक नाइट्रोजन निर्माण आसान हुआ है। इसके लिए तहसील स्तर पर यूरिन बैंक तैयार करना होगा। यूरिन का कांस्ट्रेशन करके डिस्टिलेशन से जैविक नाइट्रोजन अलग किया जा सकता है। लघु सिंचाई के लिए द्रव के रूप में मिलने वाला जैविक नाइट्रोजन फसलों को मिल सकता है। इससे रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होगी। 45 हजार करोड़ का खर्च बचेगा। खेती के मुख्य व्यवसाय के साथ दूध उत्पादन, बांस निर्माण, शहद निर्माण, मछली पालन के अलावा इथेनाल निर्माण पूरक व्यवसाय करना आवश्यक है।

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