डिजिटल पद्धति से काम करें, नक्शा मंजूरी की ऑनलाइन प्रक्रिया 2 माह से बंद

गडकरी के निर्देश डिजिटल पद्धति से काम करें, नक्शा मंजूरी की ऑनलाइन प्रक्रिया 2 माह से बंद

Tejinder Singh
Update: 2021-10-10 12:23 GMT
डिजिटल पद्धति से काम करें, नक्शा मंजूरी की ऑनलाइन प्रक्रिया 2 माह से बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ले-आउट, भूखंड के नक्शे, आखिव पत्रिका से संबंधित कामों में विलंब हो रहा है। नक्शा मंजूरी की ऑनलाइन प्रक्रिया गत 2 माह से बंद है। ऑफ लाइन आवेदन स्वीकृत किए जा रहे हैं। इसमें दलालों की सक्रियता बढ़ जाने से आम नागरिकों का नुकसान हो रहा है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने इन समस्याओं का निपटारा करने के लिए मनपा, नासुप्र और जिलाधिकारी कार्यालयों को डिजिटल पद्धति से काम करने के निर्देश दिए। तीनों कार्यालयों के प्रमुखों की गडकरी के निवास पर बैठक बुलाई गई। महापौर दयाशंकर तिवारी, विधायक प्रवीण दटके, मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी., नासुप्र सभापति मनोज कुमार सूर्यवंशी, जिलाधिकारी विमला आर. उपस्थित थे। 

डिमांड रेट बढ़ने से परेशानी

गडकरी ने कहा कि नक्शा मंजूरी की फीस बढ़ाने से नागरिकों में रोष है। िवभाग की आमदनी बढ़ रही है, लेकिन आम नागरिकों की जेब पर बोझ पड़ रहा है। सदन ने मंजूर किया प्रस्ताव सरकार को भेजने व सरकार ने शुल्क बढ़ाया होगा तो, उसे कम करने के लिए कानूनी सलाह लेकर आम नागरिकों को राहत दी जाए।

नगर रचना विभाग में फाइलों का ढेर

आम आदमी के छोटे-छोटे भूखंड हैं। नगर रचना विभाग के पास निर्माणकार्यों को मंजूरी के लिए भेजे जाने से फाइलों का ढेर लगा हुआ है। महापौर दयाशंकर तिवारी और विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि 200 वर्ग मीटर में निर्माणकार्य की मंजूरी के लिए नगर रचना विभाग में जाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि सभी फाइलें भेजी जा रही हैं। वहां दलालों का राज चलने से आम इंसान परेशान है। दलालों को हाथ नहीं पकड़ने पर 8-9 महीने प्रकरणों का निपटारा नहीं हो रहा है। इस विभाग में 20-20 साल से कर्मचारी कुंडली मारे बैठे हैं। 

अब जोन स्तर पर मिलेगी सुविधा

नगर भूमापन विभाग ने अब जोन कार्यालय से आखिव पत्रिका व अन्य दस्तावेज देने का निर्णय लिया है। अजनी जोन में यह सुविधा उपलब्ध कराने की जानकारी मिली है। धीरे-धीरे सभी जोन में कार्यालय शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है।

 

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