यूनिवर्सिटी में नियुक्त होंगे जेंडर चैंपियन दूर करेंगे लिंगभेद, यूजीसी ने दिए निर्देश

यूनिवर्सिटी में नियुक्त होंगे जेंडर चैंपियन दूर करेंगे लिंगभेद, यूजीसी ने दिए निर्देश

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-20 06:48 GMT
यूनिवर्सिटी में नियुक्त होंगे जेंडर चैंपियन दूर करेंगे लिंगभेद, यूजीसी ने दिए निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा संस्थानों से लिंगभेद मिटाने और समाज में छात्राओं/ महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने "जेंडर चैंपियन" नामक मुहिम छेड़ी है। यूजीसी ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के तमाम यूनिवर्सिटी को अपने यहां पर यह मुहिम शुरू करके विद्यार्थियों को ‘जेंडर चैंपियन’ के रूप में नियुक्त करने को कहा है।

यह ‘जेंडर चैंपियन’ कॉलेज में  छात्र और छात्राओं में समानता स्थापित करने का प्रयत्न करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि कॉलेज में लड़कियों/महिलाओं के साथ  सम्मानपूर्वक बर्ताव किया जाता है। साथ ही उन्हें आगे आने के लिए भी अवसर मुहैया कराए जाते हैं। यूजीसी ने ‘जेंडर चैंपियंस’ के मार्गदर्शन के लिए एक नोडल शिक्षक भी नियुक्त करने को कहा है। यूनिवर्सिटी को ‘जेंडर चैंपियन्स’ की नियुक्ति संबंधी दिशा-निर्देश तत्काल अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने के आदेश दिए गए हैं।

‘जेंडर चैंपियन’ लिंगभेद मिटाने के लिए सहपाठियों और अन्य साथियों का मार्गदर्शन करेंगे।
समय समय पर सामूहिक चर्चा, वाद-विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता, फिल्म फेस्टिवल आयोजित करेंगे। स्कूल, कॉलेज, समाज के विविध घटकों को भी इस मुहिम में अपने साथ जोड़ेंगे। स्कूल, कॉलेज के दैनिक कार्यों में छात्राओं या महिलाओं के साथ होने वाली असमानता को पहचान कर उसे दूर करने के प्रयास करेंगे। ये स्कूल, कॉलेज में जेंडर चैंपियन क्लब की भी स्थापना करेंगे। इतना ही नहीं, ये ‘जेंडर चैंपियन’ विद्यार्थियों के साथ मिलकर गांव-कस्बों के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, डाकघरों और पुलिस थानों का दौरा करके वहां महिलाओं की स्थिति भी जानेंगे। साथ ही छात्राओं, महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबरों का प्रसार करने जैसे कार्य भी करेंगे।

ये है पात्रता
यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 16 वर्ष से ऊपर की उम्र के ऐसे विद्यार्थी जो नियमित रूप से स्कूल-कॉलेज आते हों और उनका वार्षिक प्रदर्शन अौसतन 50 प्रतिशत या उसके ऊपर हो और उनमें नेतृत्व क्षमता हो, ऐसे विद्यार्थियों को ‘जेंडर चैंपियन’ के रूप में नियुक्त किया जाए। 
 

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