महंगाई से गणेशोत्सव पर ठंडा सोने का बाजार , बाप्पा के लिए गहनों की मांग में भारी गिरावट 

महंगाई से गणेशोत्सव पर ठंडा सोने का बाजार , बाप्पा के लिए गहनों की मांग में भारी गिरावट 

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-31 13:54 GMT
महंगाई से गणेशोत्सव पर ठंडा सोने का बाजार , बाप्पा के लिए गहनों की मांग में भारी गिरावट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोने की आसमान छूती कीमतों ने देश के सबसे बड़े गहनों के बाजारों में से एक झवेरी बाजार में मंदी ला दी है। गणेशोत्सव जैसे त्योहार में यहां सराफा व्यवसायी हर साल करीब 30 करोड़ रुपए का कारोबार करते थे, लेकिन इस बार यह मांग घटकर 20 फीसदी तक रह गई है। भक्त अक्सर बाप्पा को सोने, चांदी के गहने चढ़ाते हैं, कुछ लोग तो हीरे के गहने भी चढ़ावे के रुप में अर्पण करते हैं साथ ही गणेश मंडल भी सजावट के लिए आभूषण खरीदे हैं। इसलिए सराफा व्यवसायी पहले से तैयारी करके रखते हैं लेकिन इस साल मंहगे सोने और मंदी ने व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

बेरोजगार हुए कारीगर
सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 40 हजार के पार पहुंच गई है। इसके चलते झवेरी बाजार में कामकाज लगभग ठप पड़ गया है। काम न मिलने के चलते गहने बनाने वाले 50 फीसदी से ज्यादा कारीगर अपने गांव लौट गए हैं। सोने के कारखानों में काम करने वाले ज्यादातर कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं। इसके अलावा 20 फीसदी ऐसे कारीगर हैं जो हैं तो मुंबई में ही लेकिन उनके पास कोई काम नहीं हैं। झवेरी बाजार पर मंदी और मंहगाई की दोहरी मार पड़ी है। एक ओर मंदी के चलते लोगों के पास पैसों की कमी है दूसरी ओर मंहगे सोने से खेल और बिगाड़ दिया है। जिन दुकानों पर त्योहारी सीजन में लोगों की भीड़ लगी रहती थी वहां सेल्समैन दिनभर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। 

त्योहारों पर धंधा मंदा 
मुंबई ज्वेलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन ने बताया कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रेडवार के चलते केंद्रीय बैंकों में बढ़ी सोने की मांग, रूपए की गिरती कीमत और मंदी का ऐसा असर हुआ है कि कारोबार थम गया है। रक्षा बंधन के दौरान हर साल बड़ी संख्या में सोने, चांदी की राखियों की खरीदारी होती थी। भाई भी अपनी बहनों को तोहफे देने के लिए सोने चांदी के गहने और सिक्के खरीदते थे लेकिन इस बार कारोबार सुस्त रहा। उम्मीद थी कि गणेशोत्सव के दौरान बाप्पा की सजावट और चढ़ावे के लिए लोग हर साल की तरह इस साल भी झवेरी बाजार का रुख करेंगे लेकिन अब तक खरीदार नहीं पहुंचे हैं। चढ़ावे के लिए सराफा व्यवसायी पहले से सोने, चांदी के मोदक बना कर रखते हैं। इसके अलावा कुछ लोग गहने भी चढ़ाते हैं लेकिन इस बार सिर्फ 20 फीसदी ही कारोबार हुआ है। उन्होंने कहा कि एक बड़े बिल्डर ने इस बार हीरे के मोदक का ऑर्डर दिया है लेकिन यह अपवाद है और सामान्य रूप से खरीदारी करने वाले बाजार से दूर हैं। उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव मंडलों से उनकी बातचीत हुई तो उन्होंने भी बताया कि इस साल लोगों से उस तरह चंदा नहीं मिला जैसा हमेशा मिलता था। इसीलिए साजसज्जा में उन्हें हाथ खींचना पड़ रहा है। 

 “ सोने की बढ़ी कीमतों के चलते ग्राहक फिलहाल बाजार से दूर हैं। अगर सरकार करों में फौरी तौर पर कटौती करे तो शायद आने वाले त्योहारी सीजन में ग्राहक फिर खरीदारी में दिलचस्पी दिखाएं”-- कुमार जैन, उपाध्यक्षः मुंबई ज्वेलर्स एसोसिएशन

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