सरकार ने कमेटी की सभी सिफारिशों को किया स्वीकार, याचिका वापस लेने की तैयारी में महामंडल
एसटी कर्मचारियों की हड़ताल सरकार ने कमेटी की सभी सिफारिशों को किया स्वीकार, याचिका वापस लेने की तैयारी में महामंडल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल(एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की मांग को लेकर गठित तीन सदस्यों की कमेटी की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इन सिफारिशों में कहा गया है कि एसटी महामंडल के कर्मचारियों का विलिनीकरण राज्य सरकार के कर्मचारियों में संभव नहीं है। हाईकोर्ट के निर्देश के तहत राज्य सरकार ने कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपी है। सरकार ने कमेटी की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इसके तहत कर्मचारियों को उनकी सेवा में वरिष्ठता के आधार पर सेवा से जुड़े लाभ दिए जाएगे। जिसमें उनके वेतन, बोनस,महंगाई भत्ता सहति दूसरे चीजों का समावेश होगा।
हाईकोर्ट में एमटी महामंडल की ओर से दायर न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह बताए कि उसने कमेटी सिफारिशों को लेकर क्या फैसला किया। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से उपरोक्त जानकारी दी गई है। इसे देखते हुए एसटी महामंडल की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आस्पी चिनाय ने कहा कि महामंडल अपनी याचिका वापस लेने को तैयार है। गत 6 माह से एसटी के हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई जारी भी रहेगी लेकिन इस सबके बीच हमे ग्रामीण इलाकों में रहनेवालों लोगों को सेवाएं भी देनी है। एसटी कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि उनके साथ राज्य सरकार के कर्मचारी जैसा बरताव किया जाए।
इस पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने कहा कि महामंडल इस मामले में जल्दबाजी न दिखाए। इस मामले में अंतिम निर्णय देने से पहले कर्मचारियों का पक्ष सुनना जरुरी है। चूंकि मंगलवार को कर्मचारियों की ओर से पैरवी करनेवाले अधिवक्ता गुणरत्ने सदाव्रते सुनवाई के दौरान अनुपस्थित थे। इसलिए खंडपीठ ने अब बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।