गन्ने का उचित मूल्य (एफआरपी) दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत- मुनगंटीवार

गन्ने का उचित मूल्य (एफआरपी) दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत- मुनगंटीवार

Tejinder Singh
Update: 2018-05-14 14:12 GMT
गन्ने का उचित मूल्य (एफआरपी) दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत- मुनगंटीवार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के गन्ना उत्पादक किसानों के लिए राहत की खबर है। जीएसटी के तहत चीनी पर उपकर (सेस) लगाने के लिए गठित मंत्रिसमूह की इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। सोमवार को इस मसले पर यहां हुई बैठक के बाद महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी। 

राज्य के वित्तमंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को कम दाम मिलने के कारण उन्हे कई संकटों से गुजरना पड़ रहा है। इसलिए जीएसटी परिषद इन किसानों को गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) दिलाने के लिए प्रयासरत है। उन्होने कहा कि चीनी पर उपकर लगाने के लिए गठित मंत्रिसमूह की आज इस मुद्दे पर सहमति बन गई है, लेकिन इसमें और तकनीकी बिन्दुओं पर विचार किया जाना है। इस संबंध में अगली बैठक 3 जून को मुंबई में आयोजित की गई है। उम्मीद है कि इस बैठक में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।

बता दें कि चीनी पर उपकर लगाने पर विचार करने के लिए आसाम सरकार में वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। जिसमें महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधार मुनगंटीवार के अलावा मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल इन राज्यों के वित्तमंत्री शामिल है। मुनगंटीवार ने कहा कि गन्ना उत्पादकों का बकाया समय से किए जाने के लिए फंड की व्यवस्था करने के मकसद से केन्द्र सरकार चीनी पर उपकर लगाना चाहती है।

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