कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने जुटी महाराष्ट्र सरकार, पीडियाट्रिक टॉस्क फोर्स का गठन

कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने जुटी महाराष्ट्र सरकार, पीडियाट्रिक टॉस्क फोर्स का गठन

Tejinder Singh
Update: 2021-05-07 16:22 GMT
कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने जुटी महाराष्ट्र सरकार, पीडियाट्रिक टॉस्क फोर्स का गठन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के संभावित खतरे के मद्देनजर प्रदेश सरकार राज्य में पीडियाट्रिक (बाल रोग विशेषज्ञ) टॉस्क फोर्स का गठन करेगी। यह टॉस्क फोर्स 18 साल से कम आयु वालों को कोरोना उपचार की दृष्टि से नियोजन करेगा। शुक्रवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत में टोपे ने कहा कि कोरोना काल में 18 साल से कम आयु वाले बच्चों के लिए अस्पताल में जरूरी बिस्तर, पीडियाट्रिक वेंटिलेंटर आदि सुविधाएं तैयार की जाएंगी। टोपे ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाल रोग विशेषज्ञों से चर्चा की है। टोपे ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार ठोस कदम उठा रही है। गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई है। यह बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है।  

विदेश से खरीदे जाएंगे 3 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन

स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार को यूएस से मिली मदद में से 52 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन राज्य के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा वैश्विक टेंडर के जरिए तीन लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन पूरा नहीं मिल पा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। टोपे ने कहा कि विदेशी कंपनियों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदने के लिए निकाले गए ग्लोबल टेंडर को लेकर कुछ कंपनियों के प्रस्ताव मिले हैं। इसके लिए सरकार ने तीन डॉक्टरों की समिति गठित की है। समिति ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की गुणवत्ता को परखकर इसे खरीदने के लिए अंतिम मंजूरी देगी। वहीं विदेश से पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र और ऑक्सीजन रखने के लिए टैंक खरीदने के बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा। 

राज्य में तैयार हो रहा 53 मैट्रीक टन ऑक्सीजन 

टोपे ने बताया कि फिलहाल राज्य में 38 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र शुरू हो चुके हैं। इससे हवा से 53 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तैयार हो सकेगा। इसके अलावा जिलाधिकारियों को 150 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाने का आदेश दिए हैं। टोपे ने कहा कि कर्नाटक से कोल्हापुर को मिलने वाला 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कम मिला है। इसी कमी को राज्य के दूसरे जिलों से पूरी की गई है लेकिन राज्य को हर दिन  1700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना पड़ेगा। 

टीका लगवाने शहरों से ग्रामीण इलाकों में जा रहे लोग 

टोपे ने कहा कि 18 से 44 साल तक के नागरिक शहरों में टीके की कमी के कारण शहरों से ग्रामीण इलाकों में जाकर टीकाकरण करवा रहे हैं। टेक्नो सेवी लोग कोविन एप पर पंजीयन कराकर ग्रामीण इलाकों में जा रहे हैं। जिससे वहां के स्थानीय लोगों को टीका उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे काफी भीड़ उमड़ने की भी संभावना है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग 35 से 44 आयु वालों के टीकाकरण को प्राथमिकता देने पर विचार कर रहा है। इस आयु वर्ग में जो बीमारियों से ग्रसित होंगे उन्हें टीका लगवाने के लिए पहले मौका दिया जाएगा। टोपे ने कहा कि 18 से 44 साल के नागरिकों का टीकाकरण 3 लाख टीके के साथ शुरू किया गया था। इसके बाद कोवैक्सीन का 4 लाख 79 हजार टीका खरीदा गया। जबकि कोविशिल्ड ने 3.50 लाख टीका देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि 45 साल से अधिक आयु वालों के लिए अब कुछ हजार टीका बचा हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कोवैक्सीन टीके की मांग की जा रही है। 

पेपर लीक की परीक्षा के बारे में जल्द फैसला 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में 3200 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसमें दो पदों की परीक्षा में पेपर लीक हुआ था। पेपर लीक की पुलिस जांच रिपोर्ट आठ दिनों में आएगी। इसके बाद सरकार फैसला करेगी कि परीक्षा दोबारा लेना है अथवा पहले ली गई परीक्षा का परिणाम घोषित करना है। 
 

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