सागर-नागपुर रेल परियोजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला

मिला तो आश्वासन सागर-नागपुर रेल परियोजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला

Anita Peddulwar
Update: 2022-02-04 14:57 GMT
सागर-नागपुर रेल परियोजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सागर और करेली के रास्ते नागपुर जाने वाली रेल लाइन को वित्तीय रूप से अलाभप्रद बताते हुए इस परियोजना को आगे बढ़ाने में असमर्थता जताई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भाजपा सांसद कैलाश सोनी के सवाल के जवाब में शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि कम यातायात संभावनाओं और वित्तीय रूप से लाभप्रद नहीं होने के चलते इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। हालांकि रेल मंत्री ने इस रेल खंड को लेकर सांसद सोनी की भावना को देखते हुए यह आश्वासन जरूर दिया कि वे सांसद के साथ चर्चा कर इसकी संभावना पर फिर से विचार करेंगे। अश्विनी वैष्णव ने आज सदन में बताया कि सागर स्टेशन कटनी-बीना खंड पर स्थित है और बीना, भोपाल तथा इटारसी के रास्ते नागपुर से पहले से जुड़ा हुआ है। करेली स्टेशन भी जबलपुर-इटारसी खंड पर स्थित है। सागर –करेली-छिंदवाड़ा नई लाइन (279 किमी) के लिए सर्वेक्षण पूरा हो गया है। प्रस्तावित संरेखण का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है और इसमें 14 सुरंगे भी शामिल हैं। रेल मंत्री ने बताया कि कम यातायात संभावनाओं को देखते हुए और वित्तीय रूप से लाभप्रद न होने के कारण इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। इस जवाब से असंतुष्ट कैलाश सोनी ने कहा कि देश में बहुत से ऐसे रेल मार्ग लाभप्रद नहीं हैं, लेकिन बनाए गए हैं। हमारे बुंदेलखंड में अनुसूचित जनजाति का एक बड़ा क्षेत्र गोंडवाना है, यहां के लगभग 5,000 ग्राम रेल कनेक्टिविटी से वंचित हैं। इसके बाद रेल मंत्री ने सांसद के साथ बैठकर इस रेल मार्ग की संभावना पर विचार करने का आश्वासन दिया।
 

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