सरकार बताए, कोरोना से निपटने क्या-क्या कदम उठाए?

सरकार बताए, कोरोना से निपटने क्या-क्या कदम उठाए?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-18 07:41 GMT
सरकार बताए, कोरोना से निपटने क्या-क्या कदम उठाए?

ग्वालियर से ट्रांसफर होकर आई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट, अगली सुनवाई कल
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार सेपूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने उसने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं? चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने ग्वालियर से ट्रांसफर होकर आई एक जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।
ग्वालियर के अधिवक्ता सुनील कुमार जैन की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस नामक आपदा से निपटने के लिए राज्य की चिकित्सा सेवाओं के रिकार्ड में पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। हाईकोर्ट परिसर के अलावा, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाईजर, मास्क आदि उपलब्ध कराने के कोई इंतजाम नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया जाता है तो उनके इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा वाले अस्थाई आईसोलेशन चेम्बर भी मौजूद नहीं हैं। आवेदक का कहना है कि अभी तक पूरी दुनिया में 90 हजार कोरोना वायरस के संदिग्ध पाए गए हैं और 3 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। आवेदक का दावा है कि सिर्फ टीवी देखकर इस महामारी को फैलने से नहीं रोका जा सकता, इसके लिए सुरक्षात्मक कदम सरकार को उठाने ही होंगे। इन
आधारों के साथ दायर याचिका में सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाने की प्रार्थना की गई है। मामले पर मंगलवार को प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
मुख्यपीठ में ही होगी सुनवाई: अधिवक्ता सुनील कुमार जैन की ओर से यह जनहित याचिका वैसे तो ग्वालियर में दायर की गई थी, लेकिन बीते सोमवार को प्रशासनिक स्तर पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल ने उसको मुख्यपीठ जबलपुर में ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (ज्यूडीशियल)  मनोज कुमार श्रीवास्तव ने आदेश जारी करके कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी मामला भविष्य में यदि इन्दौर या ग्वालियर खण्डपीठ में दायर किया जाता है, तो वे सभी मुख्यपीठ जबलपुर में ट्रांसफर किए जाएंगे और उनकी सुनवाई प्रिंसिपल बैंच में ही की जाएगी।
 

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