मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली को लेकर राज्य सरकार करेगी 9 सप्ताह में फैसला

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली को लेकर राज्य सरकार करेगी 9 सप्ताह में फैसला

Tejinder Singh
Update: 2018-06-25 13:03 GMT
मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली को लेकर राज्य सरकार करेगी 9 सप्ताह में फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह नौ सप्ताह के भीतर तय करेगी कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल जारी रहेगा की नहीं। इससे पहले सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि इस मामले को लेकर  महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) की रिपोर्ट तीन सप्ताह में अपेक्षित है। यह रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार 6 सप्ताह में तय करेगी कि टोल को जारी  रखना है अथवा नहीं। इस तरह से अब नौ सप्ताह के भीतर यह तय होगा कि मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली जारी रहेगी अथवा बंद होगी।

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वाटेगांवकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर म्हैसकर ऐंटरप्रायजेस प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए टोल वसूली के ठेके को रद्द किया जाए। क्योंकि ठेकेदारा ने अनुंबध के तहत मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट की लागत को वसूल लिया है। इसके बावजूद वह टोल वसूल रहा है। जो की कानूनी रुप से गलत वसूली है। ममले की पिछली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी इस मामले की जांच कर रही है।

सोमवार को सरकारी वकील ने बेंच को मामले की जांच से जुड़ी फाइल बेंच के सामने पेश की। इस पर बेंच ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करे। जबकि एमएसआरडीसी के वकील ने कहा कि हम टोल वसूली जारी रखने व बंद करने के विषय में तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगे। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। 

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