सरकारी विमान से उतरने को मजबूर हुए राज्यपाल कोश्यारी, जाना चाहते थे देहरादून-सीएमओ से नहीं मिली अनुमति 

सरकारी विमान से उतरने को मजबूर हुए राज्यपाल कोश्यारी, जाना चाहते थे देहरादून-सीएमओ से नहीं मिली अनुमति 

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-11 13:16 GMT
सरकारी विमान से उतरने को मजबूर हुए राज्यपाल कोश्यारी, जाना चाहते थे देहरादून-सीएमओ से नहीं मिली अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच एक बार फिर से टकराव सामने आया है। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल को सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। इस कारण राज्यपाल को सरकारी विमान से नीचे उतरना पड़ा। भाजपा ने इसे राज्यपाल का अपमान बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है, जबकि प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने सरकार का बचाव किया। देसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री का दिल इतना छोटा नहीं है। राजभवन सचिवालय ने बयान जारी कर बताया कि राज्यपाल को 12 फरवरी की सुबह 10 बजे मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना है। राज्यपाल सचिवालय ने राज्यपाल की यात्रा के लिए राज्य सरकर के विमान के लिए अनुमति मांगने के वास्ते राज्य सरकार और मुख्यमंत्री कार्यालय को 2 फरवरी को पत्र भेज दिया था। लेकिन राज्यपाल जब गुरुवार की सुबह 10 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे पर सरकारी विमान में सवार हुए तो उन्हें सूचित किया गया कि सरकार ने विमान के उपयोग की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद राज्यपाल के लिए कमर्शियल विमान का टिकट आरक्षित किया गया। जिससे राज्यपाल देहरादून पहुंचे। 

इसके लिए राजभवन दोषीः मुख्यमंत्री कार्यालय

इस मामले में राजनीति गरमाने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने राजभवन सचिवालय पर ठीकरा फोड़ दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि राजभवन सचिवालय को राज्यपाल के दौरे से पहले सरकारी विमान की उपलब्धता के बारे में सुनिश्चित करना चाहिए था। राजभवन सचिवालय को पता लगा लेना चाहिए था कि विमान के इस्तेमाल की अनुमति मिली है या नहीं। इसमें राज्य सरकार की कोई चूक नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि राजभवन ने राज्यपाल के लिए विमान के इस्तेमाल की अनुमति सरकार से मांगी थी लेकिन 10 फरवरी तक मुख्यमंत्री सचिवालय से विमान से इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं मिलने का संदेश आया था। यह मंजूरी मिलने के बाद ही राजभवन सचिवालय को राज्यपाल को विमान यात्रा के लिए हवाई अड्डे पर लाना था। लेकिन राजभवन के संबंधित अधिकारियों ने कोई जानकारी हासिल नहीं की। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिए है। मुख्यमंत्री ने राजभवन के संबंधित अधिकारी पर जिम्मेदारी निश्चित करने का निर्देश दिया है। 

यह महाराष्ट्र के इतिहास का काला पन्ना फडणवीस

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल के साथ हुई घटना महाराष्ट्र के इतिहास में काला पन्ना है। मैंने इससे पहले इतनी अहंकारी सरकार नहीं देखी। राज्यपाल को सरकार की ओर से जानबूझकर अनुमति नहीं दी गई। राज्यपाल के विमान में बैठने के बाद उन्हें बताया गया कि सरकार से अनुमति नहीं मिली है। केवल अहंकार के कारण ऐसा किया गया। फडणवीस ने कहा कि सरकारी विमान सरकार की कोई निजी संपत्ति नहीं है। जबकि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्यपाल को सरकारी विमान में उड़ान की अनुमति न देना सरकार की छोटी सोच को दर्शाता है। यह राज्यपाल का अपमान है। राज्य सरकार बदले की भावना से राजनीति कर रही है।

निजी कार्यक्रम में जाने विमान इस्मेमाल की अनुमति नहीः राऊत

इसके जवाब में शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का अपमान नहीं किया है। सरकार ने संविधान और कानून का सम्मान किया है। राऊत ने कहा कि राज्यपाल को निजी कार्यक्रमों में जाने के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा सकती। सरकार ने नियमों के अनुसार ही अनुमति नहीं दी है। मैंने मुख्यमंत्री से फोन पर बात भी की है। उन्होंने मुझे बताया कि जब भी सरकार कार्यक्रमों के लिए राज्यपाल को विमान की जरूरत होती है तो सरकार की ओर से विमान उपलब्ध कराया जाता है। राज्यपाल को यदि निजी कार्यक्रमों के लिए सरकारी विमान का इस्तेमाल करना है तो उसके लिए नियम है। सरकार ने अगर नियमों का उल्लंघन किया होता तो सरकार पर ही सवाल उठते।

राऊत ने कहा कि राज्यपाल व्यक्तिगत कार्यों के लिए अपने गृह राज्य जाते हैं तो उस समय विमान के इस्तेमाल करने को लेकर गृह विभाग का निर्देश हैं उसी निर्देश का पालन सरकार ने किया है। राऊत ने कहा कि कोश्यारी गोवा के भी राज्यपाल हैं। उन्हें बीच-बीच में गोवा सरकार के सरकारी विमान का इस्तेमाल करना चाहिए। विपक्ष के आरोप पर राऊत ने कहा कि नियमों का पालन करना अहंकार है क्या? राऊत ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के बावजूद विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की रिक्त 12 सीटों पर कोश्यारी का मंजूरी नहीं देना संविधान का सबसे बड़े अपमान है। इस पर भाजपा को बोलना चाहिए। राऊत ने कहा कि इस मामले से भाजपा का क्या संबंध है। भाजपा को इतना बुरा लग रहा था तो पार्टी को विमान उपलब्ध कराना था। भाजपा के पास काफी निजी विमान है। 

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