नागपुर : इंटरनेट पर बढ़ रहे ब्लू व्हेल को लेकर रहे अलर्ट, अधिकारियों को निर्देश

नागपुर : इंटरनेट पर बढ़ रहे ब्लू व्हेल को लेकर रहे अलर्ट, अधिकारियों को निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-07 06:09 GMT
नागपुर : इंटरनेट पर बढ़ रहे ब्लू व्हेल को लेकर रहे अलर्ट, अधिकारियों को निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूरे देश में अपने पैर फैला चुके "ब्लू व्हेल" गेम को रोकने के लिए अब मीटिंग के दौर भी शुरू हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में ब्लू व्हेल गेम से हो रही मौतों को गंभीरता से लेते हुए हालही में एक बैठक ली। इंटरनल सिक्योरिटी सेक्रेटरी रीना मित्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में महाराष्ट्र, मप्र, पश्चिम बंगाल और केरल के पुलिस अफसरों के अलावा टेलीकॉम कंपनी और गृह मंत्रालय के चुनिंदा अफसर शामिल हुए। 

बैठक का एंजेडा था इंटरनेट पर बढ़ रहे ब्लू व्हेल गेम के चलन पर रोक। इस दौरान ब्लू व्हेल गेम के कारण अब तक हुई खुदकुशी या इसकी कोशिश के मामलों की भी समीक्षा की गई। इसमें सामने आया कि सभी देशों में हुई ऐसी घटनाओं को पहले ही रोका जा सकता था। इसको लेकर नागपुर के पुलिस अफसरों को ब्लू व्हेल गेम की लिंक पर लगातार नजर रखने को कहा गया है। यदि आपका बच्चा गुमसुम रहने लगा है फिर भी छिपकर इंटरनेट का इस्तेमाल बंद नहीं किया है तो उसे आपके ध्यान की जरूरत है। संभव है कि वह ब्लू व्हेल के गेम में फंस रहा है। ऐसे में उसे मनोचिकित्सकों के साथ-साथ माता-पिता की समझाइश की जरूरत है। देशभर में अब तक ब्लू व्हेल गेम के बाद खुदकुशी करने वालों में कुछ खास लक्षण देखे गए हैं।गेम एडमिनिस्ट्रेटर न उसे और न ही उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये गेम माइंड वॉश कर खिलवाया जाता है। इसलिए ऐसे बच्चों को अपने जीवन में दोबारा लौटाना है। एडमिनिस्ट्रेटर के निर्देशों का पालन करने की जरूरत नहीं, न ही आप इसके लिए बाध्य हैं। आप कभी भी गेम को खेलना बंद कर सकते हैं। एडमिनिस्ट्रेटर आपको कॉल कर कुछ नहीं कहेगा।

अपराध शाखा पुलिस विभाग उपायुक्त संभाजी कदम का कहना है कि हम लगातार नजर रख रहे हैं। हम लगातार नागपुर में ब्लू व्हेल गेम की लिंक पर नजर रख रहे हैं। हमें आदेश मिले हैं कि जैसे ही इसकी लिंक मिले उसकी पूरी जांचकर तत्काल कार्रवाई की जाए।

गेम से ग्रसित बच्चों के लक्षण
बच्चों के शरीर पर चोट के निशान दिखने शुरू हो जाते हैं, जो उन्हें किसी हादसे में नहीं आई हैं। 
परिवार के बीच तो वे गुमसुम रहते हैं, लेकिन इंटरनेट का इस्तेमाल चोरी-छिपे कर ही लेते हैं।
ऐसे बच्चों की सोशल मीडिया या किसी पोस्ट पर ब्लू व्हेल की तस्वीर देखी जा सकती है।
इंटरनेट का इस्तेमाल न कर पाने के कारण उनका चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। 
ऐसे बच्चे खासकर देर रात में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।


 

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