छात्रावास में भिड़े छात्रों के गुट, मारपीट कर कराई पांच सौ ऊठक-बैठक

सिवनी छात्रावास में भिड़े छात्रों के गुट, मारपीट कर कराई पांच सौ ऊठक-बैठक

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-03 09:12 GMT
छात्रावास में भिड़े छात्रों के गुट, मारपीट कर कराई पांच सौ ऊठक-बैठक

डिजिटल डेस्क,सिवनी। जिले के घंसौर तहसील मुख्यालय में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय का आरोपों से पुराना नाता है। ताजा विवाद छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट का सामने है। 12वीं कक्षा के तीन छात्रों द्वारा 10वीं के पांच छात्रों को कमरे में बंद कर पीटने व ऊठक-बैठक की घटना अंजाम दी गई है। विवाद की शुरूआत टेलीविजन देखने को लेकर होना बताई जा रही है। इस घटना के बाद विद्यालय प्रबंधन ने  पहले तो गुपचुप तरीके से पांचों पीडि़त छात्रों की स्वास्थ्य जांच कराई फिर उनके अभिभावकों को बुलाकर घर रवाना कर दिया गया। मामला उछलने लगा तो 12वीं के तीनों छात्रों को टीसी दे दी गई। इस मामले में अब सहायक आयुक्त आदिवासी सत्येन्द्र मरकाम ने जांच दल गठित किए जाने की बात कही है, वहीं छात्रावास अधीक्षक और प्राचार्य के परस्पर विरोधी बयान मामले को और उलझा रहे हैं।

क्या है मामला

घटना अगस्त माह की 29 तारीख की रात की बताई जा रही है। विद्यालय परिसर स्थित हॉस्टल में किसी बात को लेकर दसवीं और बारहवीं के दो छात्र गुट आमने-सामने आ गए। जिसके बाद बारहवीं के छात्रों ने दसवीं के छात्रों को कमरे में बंद कर जमकर पिटाई कर दी। आरोप है कि जूनियर छात्रों से पांच-पांच सौ उठक बैठक भी कराई गई। इतना सब हॉस्टल के एक कमरे में होता रहा लेकिन न तो हॉस्टल अधीक्षक ना ही किसी अन्य कर्मचारी को इस मामले की खबर लगी।

विद्यालय की ही नर्स से करा दिया प्राथमिक उपचार
इस मामले में कक्षा दसवीं के पांच छात्र घायल हो गए। बताया जाता है कि विद्यालय प्रबंधन ने पहले घायल छात्रों का प्राथमिक उपचार एकलव्य आवासीय विद्यालय में पदस्थ नर्स से ही करा लिया गया। इसके बाद पीडि़त छात्रों को घंसौर के सामुदायिक अस्पताल में ले जाया गया। पीडि़त छात्रों की हालत को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि विद्यालय प्रबंधन का दावा है कि वे बच्चों के माता-पिता के संपर्क में हैं और उनकी हालत ठीक है। सवाल यह भी उठता है कि यदि छात्रों की हालत सही थी तो उन्हें घर क्यों भेजा गया जबकि अभी स्कूलों में पढ़ाई जारी है।

तीन छात्रों के थमाई टीसी
इस मामले के सोशल मीडिया में सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में कथित दोषी बारहवीं के तीनों छात्रों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट(टीसी) थमा दी गई है। तीनों को उनके घर भेज दिया गया है। इस मामले में विद्यालय के प्राचार्य और हॉस्टल अधीक्षक के बयानों में विरोधाभास देखा जा रहा है। प्राचार्य बीएल रांहगडाले जहां छात्रों का नर्स और अस्पताल में उपचार किए जाने की बात कर रहे हैं वहीं हॉस्टल अधीक्षक का कहना है कि स्कूल में पदस्थ नर्स से उपचार कराया गया। चूंकि यह आवासीय विद्यालय है और यहां पर १६ कमरों में छात्र रहते हैं। ऐसे में हॉस्टल में हो रही मारपीट की जानकारी प्रबंधन को न लग पाना सवालों को जन्म देता है। ऐसे में दूसरे छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

इनका कहना है
घंसौर स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में छात्रों के बीच हुई घटना संज्ञान में है। इस मामले में एक जांच दल का गठन किया गया है। रिपोर्ट मिलने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
- सत्येंद्र मरकाम, सहायक आयुक्त, आदिवासी
टीवी देखने को लेकर छात्रों के बीच विवाद हुआ। पीडि़त छात्रों का विद्यालय की नर्स से उपचार कराया गया। अस्पताल में इलाज हुआ मुझे जानकारी नहीं है। उस समय भोजन चल रहा था। कमरे में क्या हुआ जानकारी नहीं मिली। पीडि़त छात्रों को अभिभावकों के साथ भेज दिया गया है।
-बीएल भलावी, हॉस्टल अधीक्षक
घटना के बाद पीडि़त छात्रों को सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया था। पांचों को घर भेज दिया गया है। उनकी हालत अच्छी है। दोषी छात्रों को टीसी दे दी गई है।
- बीएल रांहगडाले, प्राचार्य

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