दो साल में दोगुना  हुआ जीएसटी रजिस्ट्रेशन

दो साल में दोगुना  हुआ जीएसटी रजिस्ट्रेशन

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-22 07:41 GMT
दो साल में दोगुना  हुआ जीएसटी रजिस्ट्रेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काे दो साल पूरे हो चुके हैं। इन दो सालों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या देश में दोगुनी हो चुकी है और नागपुर जोन में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। ऐसा इसलिए भी हो रहा है, क्योंकि अब हर जगह व्यापारियों से जीएसटी नंबर मांगा जाता है, जिस वजह से काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना उनकी मजबूरी बन गई। साथ ही जीएसटी लगाने पर उसका भुगतान वस्तु के उपभोक्ता को करना पड़ता है ना कि किसी विक्रेता को। यही वजह है कि सिर्फ दो साल में जीएसटी का रजिस्ट्रेशन दोगुना हो गया।

देश में स्थिति
गौरतलब है कि देशभर में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया। जून 2017 में जीएसटी के 38 लाख 51 हजार 211 पंजीयन थे। समय के साथ माइग्रेट होते-होते उनकी संख्या 64 लाख 42 हजार तक पहुंची। जून 2018 में जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या 1 करोड़ 12 लाख 45 हजार 715 थी, जो जून 2019 में 1 करोड़ 22 लाख 90 हजार 658 पर पहुंच चुकी है।

नागपुर जोन के आंकड़े
नागपुर जोन में वर्तमान में केन्द्र और राज्य के जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिलाकर 4 लाख 20 हजार 940 है। इसमें राज्य जीएसटी के 2 लाख 73 हजार 146 है, जबकि केन्द्र जीएसटी के 1 लाख 47 हजार 794 है।   यही पंजीयन जीएसटी लागू होने के समय 2.75 लाख था। पहले छोटे व्यापारी वैट नहीं करवाते थे, लेकिन अब टेंडर भरने के लिए भी उसे अपनी जीएसटी नंबर देना पड़ता है।

रिटर्न्स बार-बार भरने से मिलने छुटकारा
रिटर्न्स बार-बार भरने से समस्या होती है और जुर्माना भी लगाया जाता है। रिटर्न्स भरने की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए, इससे व्यापारियों को परेशानी होती है। आय कर भरने के लिए समयावधि को रखें और यदि कोई नहीं भरता है तो उस पर कार्रवाई का विचार करें। -कैलाश जोगानी, सीए 

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