गद्दी छिनने से नाराज गुरू भाई ने कराई बालाजी मंदिर के महंत की हत्या

गद्दी छिनने से नाराज गुरू भाई ने कराई बालाजी मंदिर के महंत की हत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-18 09:03 GMT
गद्दी छिनने से नाराज गुरू भाई ने कराई बालाजी मंदिर के महंत की हत्या

3 नामजद समेत 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
डिजिटल डेस्क सतना।
चित्रकूट जिले के सीतापुर में ऐतिहासिक बालाजी मंदिर के महंत  अर्जुनदास की गोली मारकर हत्या और उनके चालक आशीष दास को गंभीर रूप से घायल करने की सनसनीखेज वारदात का मास्टरमाइंट कोई और नहीं महंत का गुरू भाई मंगल दास निकला, जो गद्दी छिनने से नाराज चल रहा था। इस साजिश में उसका साथ देने वाले आलोक पांडेय और राजीव मिश्रा  को भी नामजद किया गया है। गौरतलब है कि गुरूवार रात करीब साढ़े 8 बजे मंदिर से कुछ मीटर की दूरी पर बाइक से आए 2 हमलावरों ने महंत अर्जुनदास के सिर पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। जबकि फायरिंग में महंत के चेले आशीष की बांह पर गोली लगी थी। उपचार के बाद उसी के बयान पर आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
यहां से शुरू हुआ विवाद
जांच में यह सामने आया कि उत्तरप्रदेश के कौशॉम्बी जिला अंतर्गत ग्राम मंझनपुर निवासी अर्जुनदास और गोकुलपुर के रहने वाले मंगलदास ने बालाजी मंदिर के दिवंगत महंत बालकदास महाराज के चेले थे। शुरूआती दौर में बालकदास ने मंगलदास को उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन अपनी मृत्यु से 5 वर्ष पूर्व निर्णय बदलते हुए अर्जुनदास को महंत बनाने का ऐलान कर दिया। तभी से दोनों चेलों के बीच गद्दी को लेकर विवाद शुरू हो गया। बालकदास की मृत्यु के बाद झगड़ा कोर्ट तक पहुंच गया। मंदिर और उससे जुड़ी सम्पत्ति की रक्षा के लिए चित्रकूट न्यायालय ने कर्वी तहसीलदार को रिसीवर नियुक्त कर दिया था। संभवत: कोर्ट में फैसला अपने खिलाफ आने  की आशंका से घिरे मंगलदास ने अपने गुरू भाई के चेले आलोक पांडेय निवासी बहराइच और कौशाम्बी निवासी राजीव मिश्रा के साथ मिलकर अर्जुनदास को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली, फिर 2 पेशेवर शूटरों को सुपाड़ी देकर खूनी खेल करा दिया। 
आलोक ने फोन कर बुलाया था
जांच में यह बात सामने आई कि महंत अर्जुनदास को चेले आलोक ने फोन कर मिलने के लिए बुलाया था। घटना के दौरान वह संतोषी अखाड़ा के पास रहने वाले चेले से मिलकर लौट रहे थे, तब मंदिर से कुछ मीटर पहले शूटरों ने उन्हें रोका और गोली मार दी। आरोपियों की तलाश के लिए चित्रकूट एसपी ने 4 टीमें बनाई हैं। सूत्रों की मानें तो 2 आरोपियों को पकड़ लिया गया है। उधर शुक्रवार को पोस्टमार्टम के पश्चात महंत अर्जुनदास का शव उनके गृह ग्राम रवाना कर दिया गया।
 

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