लाड़ली लक्ष्मी योजना : ग्वालियर की ऑडिट टीम ने पकड़ा फर्जीवाड़ा

लाड़ली लक्ष्मी योजना : ग्वालियर की ऑडिट टीम ने पकड़ा फर्जीवाड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-21 08:13 GMT
लाड़ली लक्ष्मी योजना : ग्वालियर की ऑडिट टीम ने पकड़ा फर्जीवाड़ा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। प्रदेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत छह परियोजना अधिकारियों ने बेटियों के खाते में एक बार नहीं बल्कि दो-दो, तीन-तीन बार राशि डाल दी। महीनों पहले ये गड़बड़ी हुई, लेकिन कोई अधिकारी इसे पकड़ नहीं पाया। ग्वालियर ऑडिट ने जब दस्तावेजों की जांच की तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्वालियर से रिमाइंडर आने के बाद अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में गुरुवार को परियोजना अधिकारियों को वसूली के नोटिस दिए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि जिन खातों में दो-दो बार राशि आहरित कर दी गई है, उसे वापस बुलाया जाए। जिले की छिंदवाड़ा शहरी, छिंदवाड़ा ग्रामीण, परासिया 1 व 2, पांढुर्ना, हर्रई, मोहखेड़, जामई-2, बिछुआ, सौंसर, अमरवाड़ा और चौरई विकासखंड के  परियोजना अधिकारियों द्वारा ये गड़बड़ी की गई है।

असल में क्या हुआ
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत छटवीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं के खाते में सरकार की तरफ से दो हजार की राशि डाली जाती है। किश्तों में ये राशि दी जाती है। ताकि 18 वर्ष की होने पर 1 लाख रुपये मिल सकें। लेकिन इस बार अधिकारियों ने दो हजार की बजाय किसी के खाते में चार हजार तो किसी के खाते में छह-छह हजार की राशि डाल दी। अफसरों को महीनों तक इस गड़बड़ी की खबर भी नहीं थी। ऑडिट टीम ने पूरा मामला उजागर किया।

2016-17 में भी हुई यही गड़बड़ी
2016 व 17 में भी इसी तरह की गड़बड़ी हुई है। ऑडिट टीम की तरफ से आए रिमाइंडर में भी कहा गया है कि दो साल पहले भी कई खातों में डबल राशि का आहरण कर दिया गया। इसे वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं।

10 दिनों का अल्टीमेटम
गुरुवार को जारी हुए आदेशों में सभी परियोजना अधिकारियों को 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए राशि जमा करवाने के लिए कहा गया है। भोपाल से आए आदेशों के तहत इसे गंभीर अनियमितता की श्रेणी में रखा गया है। राशि आने के बाद इसे फिर से लाड़ली लक्ष्मी योजना के फंड में रखा जाएगा।

लेकिन दिक्कत कहां
पोस्ट ऑफिस में एनएससी के माध्यम से राशि जारी की जाती है, लेकिन इसे वापस लेने में भी ऐसी ही मशक्कत अधिकारियों को करनी पड़ेगी। राशि वापस मिलेगी कि नहीं इस पर भी बड़ी कागजी कार्रवाई से अधिकारियों को गुजरना पड़ेगा। नहीं तो परियोजना अधिकारियों के खिलाफ वसूूली कार्रवाई भी प्रकरण में हो सकती है।

इनका कहना है
सभी परियोजना अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए पैसा वापस लाने के निर्देश दिए जा चुके हैंं। 10 दिनों का समय परियोजना अधिकारियों को दिया गया है।
एमएल मेहरा जिला परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग

 

Similar News