जेलों के हालात पर HC नाराज, कहा - जिम्मेदार अधिकारी के नाम बताए सरकार

जेलों के हालात पर HC नाराज, कहा - जिम्मेदार अधिकारी के नाम बताए सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2017-12-02 12:29 GMT
जेलों के हालात पर HC नाराज, कहा - जिम्मेदार अधिकारी के नाम बताए सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई । राज्य में जेलों की स्थिति सुधारने को लेकर अदालत की ओर से दिए गए आदेशों को लागू करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? राज्य सरकार इसका पता लगाए। ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। बाम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिए। 
           न्यायमूति अभय ओक व न्यायमूर्ति एके मेनन की खंडपीठ ने कहा कि वैसे तो यह मामला राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई का है लेकिन हम राज्य के मुख्य सचिव को अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए एक और अवसर दे रहे हैं। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि मामले की अगली सुनवाई के दौरान भी  महसूस हुआ कि अदालत के निर्देशों का पालन नहीं हुआ है तो  राज्य के मुख्य सचिव व कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना कानून के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।  हाईकोर्ट ने 1 मार्च 2017 को राज्य में अतिरिक्त जेलों के निर्माण का निर्देश दिया था।

क्षमता से अधिक कैदियों को न रखने की दी सलाह

इसके साथ ही कहा था कि सरकार राज्य की जेलों में पर्याप्त शौचालय व स्नानगृह बनाएं। कैदियों को दिए जानेवाले खाने को परखने के लिए पर्याप्त आहार विशेषज्ञ उपलब्ध कराए जाए। सरकार ऐसे जरूरी कदम उठाए जिससे जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को न रखा जाए। सरकार राज्य में आदर्श जेलों का निर्माण करे। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि बिल्कुल भी अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। खंडपीठ ने कहा कि अगली सुनवाई से पहले पहले कोर्ट के फैसले की प्रति राज्य मुख्य सचिव के ध्यान में लाई जाए।   जन अदालत नामक गैर सरकारी संस्था ने जेल में बुनियादी सुविधाओं को आधार बनाकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने कई आदेश दिए थे। इन आदेशों का कितना पालन हुआ खंडपीठ इसे देख रही है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 8 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है और सरकार को हलफनामा दायर करने को कहा है। 
 

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