स्कूल बसों के लिए विशेष बस स्टॉप क्यों नहीं ? हाईकोर्ट का सरकार से सवाल

स्कूल बसों के लिए विशेष बस स्टॉप क्यों नहीं ? हाईकोर्ट का सरकार से सवाल

Tejinder Singh
Update: 2018-03-08 12:30 GMT
स्कूल बसों के लिए विशेष बस स्टॉप क्यों नहीं ? हाईकोर्ट का सरकार से सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि नागपुर सहित प्रदेश भर में स्कूल बसों के लिए निर्धारित स्थलों पर विशेष बस स्टॉप क्यों नहीं होने चाहिए। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से आठ सप्ताह के भीतर इस पर भूमिका स्पष्ट करने को कहा है। दरअसल स्कूल बस प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के मुद्दे पर कोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की है। इस पर बुधवार को हुई सुनवाई में न्यायालीन मित्र एड. फिरदौस मिर्जा ने हाईकोर्ट को

बताया है कि स्कूल बस सुरक्षा अधिनियम के अनुसार शहर में आम यात्री बसों की ही तरह स्कूल बसों के लिए भी अलग से बस स्टॉप होना जरूरी है। लेकिन राज्य में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। इसपर अब राज्य को जवाब देना होगा। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस और आरटीओ को मिलकर सभी स्कूल बसों की फिटनेस जांच करने के आदेश दिए थे। बुधवार को राज्य सरकार ने यह परिक्षण आगामी गर्मी की छुट्टियों में करने की अनुमति हाईकोर्ट से प्राप्त की। बता दें कि पिछले वर्ष भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूल बसों की फिटनेस जांच करने के आदेश दिए थे। प्रदेश में 25,369 अधिकृत स्कूल बसें संचालित होती हैं।

यह है मामला
9 जनवरी 2013 को स्कूल बस से उतरते वक्त बस की चपेट में आ जाने से विरथ झाड़े नामक बच्चे की मृत्यु हुई थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की। पूर्व में याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यातायात आयुक्त को राज्य भर में जिला स्तर पर और शाला स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। समितियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि स्कूली विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने वाले वाहनों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है की नहीं। साथ ही विद्यार्थियों की यातायात सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी भी दी गई। जिला समिति के अध्यक्ष जिला उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी और शाला स्तर के अध्यक्ष के रूप में स्कूल समिति अध्यक्ष को नियुक्त करने का फैसला भी किया गया। मगर कुछ स्कूलों को छोड़कर अधिकांश स्कूलों द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं करने की बात सामने आई।  जिसके बाद हाईकोर्ट समय समय पर विविध आदेश जारी कर रहा है। 

Similar News