विखेपाटिल, क्षीरसागर और महातेकर के मंत्रिपद को लेकर फैसला सुरक्षित

विखेपाटिल, क्षीरसागर और महातेकर के मंत्रिपद को लेकर फैसला सुरक्षित

Tejinder Singh
Update: 2019-09-04 15:13 GMT
विखेपाटिल, क्षीरसागर और महातेकर के मंत्रिपद को लेकर फैसला सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले तीन मंत्रियों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। इस संबंध में विधानसभा के विपक्ष के नेता विजय वड्डेटिवार व सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना मंत्री पद की शपथ लेना असंवैधानिक व जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। याचिका में साफ किया गया है कि राज्य में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं जिससे राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी ऐसे में इन नेताओं के लिए 6 महीने के भीतर विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य चुना जाना संभव नहीं है। इसलिए इन्हें अयोग्य ठहराया जाए। याचिका में जिन नेताओं को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई है उनमें कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए गृह निर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवसेना नेता जयदत्त क्षीरसागर, आरपीआई नेता अविनाश महातेकर का समावेश है। बुधवार को न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई।

बगैर किसी सदन की सदस्यता के मंत्री बनने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर हुई है याचिका

इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी ए थोरात ने कहा कि याचिका में उठाया गया विषय पूरी तरह से राजनीतिक है। इसलिए याचिका पर सुनवाई न की जाए। इसके अलावा जल्द ही मौजूदा सरकार भंग होने वाली है और चुनाव होने वाले हैं इसलिए याचिका पर फिलहाल सुनवाई करने की जरूरत नहीं है। वही याचिकाकर्ता के वकील एस बी तलेकर ने कहा कि मंत्रियों की नियुक्ति नियमों के खिलाफ है। मामलों से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। 


 

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