कोरोना मरीजों के इलाज में मिसमैनेजमेंट पर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार से मांगा जवाब

कोरोना मरीजों के इलाज में मिसमैनेजमेंट पर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2021-04-20 13:45 GMT
कोरोना मरीजों के इलाज में मिसमैनेजमेंट पर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों के उपचार में कुप्रबंधन को लेकर दायर याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार सहित मुंबई महानगर पालिका से जवाब मांगा है। इसको लेकर एक वकील ने याचिका दायर की है। मंगलवार को अधिवक्ता अर्शिल खान ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका में गंभीर व सार्वजनिक हित के मुद्दे को उठाया गया है। इसलिए गुरुवार तक केंद्र व राज्य सरकार तथा मुंबई मनपा याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर अपना जवाब दे। 

याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार को कोरोना के उपचार के लिए अस्पताल में उपलब्ध बेड, प्रयोगशाला, जांच की सुविधा, रेमडेसिविर इंजेक्शन व आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में दावा किया गया है कि आम मरीज उपचार के लिए यहां वहां भटक रहे हैं लेकिन उन्हें बेड नहीं मिल रहे है।जबकि प्रभावशाली लोग, नेताओ व फिल्मी हस्तियों को सबकुछ मिल रहा है। उपचार में कुप्रबंधन लोगों के जीवन के अधिकार को प्रभावित करता है। 

याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि कोरोना के इलाज में कारगर माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीदारी पर निगरानी रखी जाए। जिससे इस इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके। याचिका में कहा गया है कि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। जिससे मरीज के उपचार में देरी होती है। मनपा अस्पताल में बिना डॉक्टर की पर्ची के कोरोना की जांच नहीं कि जा रही है। एक तरह से राज्य भर में कोरोना के उपचार में कुप्रबंधन नजर आ रहा है। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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