दिव्यांगों की योजनाएं लागू न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त

दिव्यांगों की योजनाएं लागू न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त

Tejinder Singh
Update: 2018-01-16 14:45 GMT
दिव्यांगों की योजनाएं लागू न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार दिव्यांगों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को लागू न करने वाले जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए। जस्टिस नरेश पाटील वजस्टिस नितिन सांब्रे की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में कहा गया है कि जिला परिषद नियमों के तहत अपने बजट का तीन प्रतिशत हिस्सा दिव्यांगों के कल्याण के लिए आवंटित नहीं करती है। जबकि यह नियमों के तहत जरुरी है।


अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि दिव्यांगों से जुड़ी योजनाओं को लेकर गंभीरता न दिखाने वाले सात जिलों के जन कल्याण अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सरकार ने अब तक पर्सन विथ डिसेबिलिटी कानून 2017 के तहत दिव्यांगों के लिए कोई योजना नहीं बना सकी है। इसलिए नई योजना बनने तक पुरानी योजानाएं जारी रहेंगी। इसके साथ ही अभी भी कई जिला परिषद अपने बजट का तीन प्रतिशत हिस्सा दिव्यांगों के लिए आरक्षित नहीं रखते। इस मामले में कई विभाग जुड़े है। इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और अधिकारियोंं को दिव्यांगों के लिए विशेष ध्यान देने के आदेश दिए थे। 


निलंबन जैसी कार्रवाई करे सरकार

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार कारण बताओ नोटिस नहीं निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई करे। इसके साथ ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाए। खंडपीठ ने सरकार को जल्द से जल्द नए कानून के मुताबिक दिव्यांगों के लिए योजना तैयार करने को कहा है। खंडपीठ ने नगरविकास विभाग के सचिव को भी इस मामले में नजर रखने को कहा है। क्योंकि स्थानीय निकाय नगर विकास विभाग के अंतर्गत आता है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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