हाईकोर्ट : पॉलिटेक्निक कर्मचारियों ने चुनावी ड्यटी के खिलाफ खटखटाया दरवाजा, सांसद राणा के जाति प्रमाण पत्र पर भी याचिका

हाईकोर्ट : पॉलिटेक्निक कर्मचारियों ने चुनावी ड्यटी के खिलाफ खटखटाया दरवाजा, सांसद राणा के जाति प्रमाण पत्र पर भी याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-26 14:31 GMT
हाईकोर्ट : पॉलिटेक्निक कर्मचारियों ने चुनावी ड्यटी के खिलाफ खटखटाया दरवाजा, सांसद राणा के जाति प्रमाण पत्र पर भी याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए चुनावी ड्यूटी के लिए पॉलिटेक्निक शैक्षणिक संस्थानों  के कर्मचारियों को उपलब्ध कराने की मांग को लेकर चुनाव आयोग की ओर से भेजी गई नोटिस के खिलाफ दि एसोसिएशन आफ मैनेजमेंट आफ पॉलिटेक्निक नामक संगठन की ओर से बांबे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी की खंडपीठ के सामने होगी। याचिका में मुख्य रुप से चुनाव आयोग की ओर से 18 जुलाई 2019 को पालिटेक्निक संस्थानों को चुनावी ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की मांग के संबंध में भेजी गई नोटिस पर रोक लगाने व उसे रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में साफ किया गया है कि पॉलिटेक्निक शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से गैर अनुदानित शैक्षणिक संस्थान हैं। इसलिए यहां के कर्मचारियों को नियमानुसार चुनावी ड्यूटी में नहीं लगाया जा सकता है। याचिका में साफ किया गया है कि यदि कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाता है तो इससे विद्यार्थियों की पढाई पर भी असर पड़ेगा। 

सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

वहीं लोकसभा चुनाव में आरक्षित अमरावती सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतने वाली सांसद नवनीत कौर राणा की मुश्किले बढ सकती हैं। राणा की जाति के संबंध में मुंबई की जाति पड़ताल कमेटी की ओर से जारी किए गए जाति प्रमाणपत्र की वैधता को चुनौती देते हुए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने अधिवक्ता प्रमोद पाटील के माध्यम से यह याचिका दायर की की है। कुछ माह पहले बीते लोकसभा चुनाव में अमरावती की जिस लोकसभा सीट से राणा विजयी हुई हैं वह अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित थी। याचिका में दावा किया गया है कि राणा पंजाब में पायी जानेवाली लुभाण जाति की हैं। फिर भी उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जाति मोची बताई है। इस लिहाज से वे चुनाव लड़ने के लिए अपात्र थी। याचिका में राणा की जीत को अमान्य घोषित कर अमरावती लोकसभा सीट पर नए सिरे से चुनाव कराने का आग्रह किया गया है। राणा को मुंबई की जाति पड़ताल कमेटी की ओर से मोची जाति का जो जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया  है, उसे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। याचिका पर जल्द ही न्यायमूर्ति अकिल कुरेशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने सुनवाई हो सकती है। गौरतलब है कि राणा की जाति प्रमाणपत्र को लेकर हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के सामने भी एक याचिका दायर की गई है। जो सुनवाई के लिए प्रलंबित है। 
 

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