हाईकोर्ट ने पूछा - तो क्या अवैध मान लिए जाएंगे बगैर फास्टैग वाले वाहन 

हाईकोर्ट ने पूछा - तो क्या अवैध मान लिए जाएंगे बगैर फास्टैग वाले वाहन 

Tejinder Singh
Update: 2021-03-19 14:22 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा - तो क्या अवैध मान लिए जाएंगे बगैर फास्टैग वाले वाहन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या बगैर फास्टैग वाले वाहन अवैध माने जाएंगे। क्या वे सड़कों पर नहीं चल सकते है। हाईकोर्ट में वाहनों में फास्टटैग की अनिवार्यता से जुड़े निर्णय के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। फास्टैग एक इलेक्ट्रानिक टोल चिप है जिसे सरकार ने राष्ट्रीय महामार्ग पर स्थित टोल प्लाजा से गुजरनेवाले सभी वाहनों में लगाना अनिवार्य किया है। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन खानापुरे ने कोर्ट में याचिका दायर की है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि क्या जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगे हैं, ऐसे वाहन अवैध हैंॽ इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जो लोग फास्टैग को समझ नहीं पा रहे हैं, उनकी मदद व मार्गदर्शन के लिए टोल प्लाजा पर मार्शल तैनात किए गए हैं।

मोटर कानून में संसोधन के बाद फास्टैग अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा हमने कार्ड से भुगतान की सुविधा रखी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा है तो सरकार को सभी रास्तों को फास्टैग रास्ता घोषित करना चाहिए। याचिका में मांग की गई है कि आम नागरिकों के लिए सभी टोल प्लाजा में कैश काउंटर की सुविधा को जारी रखा जाए। क्योंकि टोल नाके से किसान व अनपढ लोग भी गुजरते हैं। याचिका में कहा गया है कि अभी भी बहुत से लोग पैसे के आनलाइन भुगतान को लेकर सहज नहीं है। इसलिए टोल प्लाजा में कम से कम एक मार्ग ऐसा रखा जाए जहां कैश काउंटर की सुविधा हो। 

 

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