कोस्टल रोड़ परियोजना को झटका : हाईकोर्ट ने समुद्र पाटने के काम पर लगाई रोक
कोस्टल रोड़ परियोजना को झटका : हाईकोर्ट ने समुद्र पाटने के काम पर लगाई रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में कोस्टल रोड परियोजना को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोस्टल रोड़ परियोजना के लिए समुद्र पाटने का काम रोकने को कहा। हाईकोर्ट ने यह निर्देश मछुआरों के संगठन व गैरसरकारी संस्थाओं की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया।
इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने कहा कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण से जुड़ी जरुरी मंजूरिया नहीं ली गई हैं। इस परियोजना के चलते समुद्री पर्यावरण व जीवों पर क्या असर पड़ेगा इसको लेकर भी अध्ययन नहीं किया गया है। मछुआरों से जुड़े मुद्दों को लेकर जनसुनवाई भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण का सीधा संबंध लोगों के जीवन के अधिकार से है।
लिहाजा इस अधिकार की अनदेखी नहीं की जा सकती है। पिछली सुनवाई के दौरान समुद्र को पाटने पर रोक गई थी फिर भी समुद्र को पाटने का काम जारी है। इससे पहले मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीहरि अणे ने कहा कि मनपा ने समुद्र को पाटने का काम नए सिरे से नहीं किया है। यदि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के काम को रोका गया तो मनपा को रोजाना दस करोड रुपए का नुकसान होगा।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएन जामदार की खंडपीठ ने मनपा की इन दलीलों को नजरअंदाज करते हुए कोस्टल रोड परियोजना को लेकर स्थिति यथावत रखने का निर्देश दिया।