हाईकोर्ट : सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन की छुट्टी का विरोध

हाईकोर्ट : सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन की छुट्टी का विरोध

Tejinder Singh
Update: 2020-02-28 13:23 GMT
हाईकोर्ट : सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन की छुट्टी का विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी कर्मचारियों के लिए पांच दिन का कार्य सप्ताह किए जाने के सरकार के निर्णय के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार की ओर से पांच दिन के कार्य सप्ताह को लेकर 24 फरवरी 2020 को जारी किया गया परिपत्र भेदभाव पूर्ण है और इससे सरकार के खजाने पर विपरीत असर पड़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ता महेश गाडेकर की ओर से दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने से पहले सरकार के विभिन्न विभागों में प्रलंबित आवेदनों व फाइलों का अडिट कराने का निर्देश दिया जाए। 29 फरवरी 2020 से सरकारी कर्मचारियों के लिए पांच दिन का कार्यसप्ताह लागू किया जाना है। याचिका के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के लिए अभी (फाईव डे विक लागू होने से पहले) 249 कार्यदिवस हैं। सरकारी कर्मचारियों को 104 साप्ताहिक अवकाश व 12 राजपत्रित अवकाश मिलते हैं। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को हाफ डे अवकाश भी मिलता है। दूसरे व चौथे शनिवार को छुट्टी रहती थी। जबकि निजी क्षेत्र के लोग साल में 365 में से 301 दिन काम करते है। जिससे उनकी कार्यक्षमता बढती है। सरकारी कमर्चारियों की कार्यक्षमता भी बढाने के लिए पांच दिन का कार्यसप्ताह लागू करना उचित नहीं है। 

याचिका में कहा गया है कि सरकार का परिपत्र आवश्यक सेवाओं के अंतगर्त आनेवाले विभागों जैसे पुलिस, अस्पताल, जेल व फायर बिग्रेड में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए पांच दिन का कार्यसप्ताह लागू नहीं होगा। इस लिहाज से सरकार का परिपत्र भेदभावपूर्ण है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों से अतिरिक्त 45 मिनट कार्य कराने की योजना बनाई है। लेकिन नियमानुसार एक शिफ्ट में आठ घंटे ही काम कराया जाना चाहिए। 45 मिनट अधिक कार्य की अवधि बढाने से सरकारी कमर्चारियों को रोजाना कुल नौ घंटे काम करना पड़ेगा। इससे उनकी सेहत पर विपरीत असर पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि जीरो पेंडेंसी के लक्ष्य को हासिल करने में पांच दिन का कार्य सप्ताह अवरोध पैदा करेगा। इसलिए पांच दिन के कार्य सप्ताह को लागू करने संबंधी परिपत्र को रद्द किया जाए। 

 

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